नई दिल्ली। पैरा वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत के खाते में 12 पदक आए हैं। इस दाैरान सबसे ज्यादा सुर्खियां मानसी जोशी ने बटोरीं जिन्होंने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। 30 साल की इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर मानसी जोशी ने हादसे में अपना एक पैर खो दिया लेकिन मानसी का जज्बा कम नहीं हुआ। इस हौसले ने ही उनके नाम को आज इतिहास में दर्ज करा दिया है। उनकी कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व खेल मंत्री किरेन रिरीजू तारीफों के पुल बांधने से नहीं रूक पाए। वहीं मानसी ने अब पीएम व खेल मंत्री से तारीफ बटोरने के बाद कहा कि हमारी मदद के लिए किरेन रिजिजू ने निरंतर प्रयास किए।
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मानसी ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि "यह अच्छा लगता है जब पीएम ने आपकी जीत को नोटिस किया, किरेन रिजिजू ने भी मुझे बधाई दी। वह सबसे गतिशील मंत्री हैं, उन्होंने पैरा-एथलीटों की मदद की है क्योंकि उन्होंने कार्यालय में कदम रखा है। उन्होंने हमारी मदद करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।" मानसी ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि यह मेरे करियर की सबसे बड़ी जीत है। मुझे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस जीत ने मुझे निश्चित रूप से प्रोत्साहित और प्रेरित किया है। यहां तक कि कोच भी परिणामों से संतुष्ट हैं और अब हम आगामी टूर्नामेंटों में अच्छे प्रदर्शन का प्रशिक्षण दे रहे हैं। मैं अभी काफी महत्वपूर्ण महसूस कर रही हूं क्योंकि लोग लगातार मुझे संदेश दे रहे हैं और मुझे बधाई दे रहे हैं।"
Kiren Rijiju, the most dynamic minister, says Manasi Joshi
— ANI Digital (@ani_digital) August 30, 2019
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जोशी ने कहा कि मैं बचपन से इस खेल को खेल रही हूं। मुझे खेल से प्यार है, बैडमिंटन वह था जिसने मेरा ध्यान खींचा और मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हालांकि, जोशी ने देश में पैरा-एथलीटों की स्थिति में सुधार के लाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि पैरा-स्पोर्ट्सपर्सन के रूप में मैं कुछ बदलाव चाहती हूं, यह एक पुरस्कृत पेशा नहीं है। मुझे उम्मीद है कि लोग इस पर ध्यान देंगे, अधिक से अधिक ब्रांड सामने आएंगे।उम्मीद है कि लोगों को पैरा-एथलीटों के बारे में ज्ञान होना शुरू हो जाएगा।