सिंधु की मां ने दी ये प्रतिक्रिया-
स्विट्जरलैंड के बासेल से जैसे ही यह खुशखबरी सामने आई तो पी विजया ने कहा- "हमें गोल्ड मेडल का ही इंतज़ार था। उसने (सिंधु) इसके लिए कड़ी मेहनत की थी।" इस जीत से अभिभूत विजया ने आगे कहा- "हम बहुत खुश है।" इस मैच के दौरान सिंधु का परिवार अपने टीवी सेट से चिपका रहा। आपको बता दें कि इस मैच में सिंधु पूरी तरह से अपनी टॉप फार्म में दिखाई दीं और इस महामुकाबले को उन्होंने सबसे एकतरफा विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप फाइनल मैच बनाते हुए अपनी प्रतिद्वंद्वी के सामने जीत के लिए महज 36 मिनट का समय लिया।
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मैच जीतने के बाद क्या बोलीं सिंधु-
बता दें कि यह सिंधु का लगातार तीसरा वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल था। इससे पहले के दो फाइनल मैचों में 2017 में उनको ओकुहारा ने और 2018 में कैरोलिना मैरिन ने हराया था। सिंधु ने मैच के बाद अपनी जीत पर कहा- पिछली बार मैं फाइनल मैचों में हार गई थी। इसलिए इस बार जीतना मेरे लिए अहम था। मैं बहुत खुश हूं। मैं दर्शकों का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं। ये मेरे लिए काफी मायने रखते हैं। वे हर मैच में मेरे लिए साथ रहे।
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मां को समर्पित किया पदक-
सिंधु ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पिछले दो संस्करणों में लगातार दो सिल्वर मेडल जीतने के अलावा दो कांस्य भी जीते हैं। मैच जीतने के बाद सिंधु ने कहा, "यह पदक मैंने अपनी मां को समर्पित किया है। आज उनका जन्मदिन है। मेरे कोच पुलेला गोपीचंद और मेरे सहयोगी स्टाफ का बहुत बड़ा शुक्रिया।" इससे पहले सेमीफाइनल में उन्होंने चीन की दुनिया की नंबर 3 खिलाड़ी चेन यू फी को ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियन में 21-7, 21-14 से हराया था। जबकि ओकुहारा ने थाईलैंड की रतनचोक इनटन को 17-21, 21-18, 21-15 से हराया।