नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण कई खेल स्थगित हुए, लेकिन अब एक बार फिर कई टूर्नामेंट पटरी पर लाैटे। टोक्यो ओलंपिक को सफल बनाने के लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। वहीं भारतीय दल 17 जुलाई को रवाना होगा। लेकिन इससे पहले भारतीय स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने बयान देते हुए साफ कहा कि पिछले 1 साल से सबको डरा रहा कोरोना उनके करियर को खराब नहीं कर सका। सिंधू का साफ कहना है कि कोरोना के समय भी उनके खेल पर फर्क नहीं पड़ा बल्कि तैयारी करने का माैका मिला।
सिंधू ने कहा, "मुझे लगता है कि ब्रेक के दौरान महामारी बहुत उपयोगी थी क्योंकि मुझे और अधिक सीखने और अपनी तकनीक और कौशल पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का मौका मिला, इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगी कि इससे मुझे फायदा पहुंचा है। इससे ओलंपिक के लिए मेरी तैयारी पर ज्यादा असर नहीं पड़ा क्योंकि मुझे लगता है कि मेरे पास पर्याप्त समय है। आम तौर पर हमें किसी टूर्नामेंट के लिए तैयारी करने का अधिक समय नहीं मिलता लेकिन मुझे अब लगता है कि यह पहरी बार था जब हमारे पास ओलंपिक के लिए तैयारी करने का बहुत अधिक समय था।'' सिंधू ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इसका मेरी तैयारियों पर असर पड़ा है, बिल्कुल नहीं। वास्तव में, मैंने बहुत कुछ सीखा है और मैं अब टोक्यो के लिए तैयार हूं।"
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उन्होंने यह भी कहा कि वह टोक्यो में भारतीय प्रशंसकों को बहुत याद करेंगी जो स्टैंड में उनका हाैसला बढ़ाते हैं। सिंधू ने कहा, ''मुझे यकीन है कि वे हमारा समर्थन करना जारी रखेंगे। उम्मीदें और जिम्मेदारियां हमेशा बनी रहेंगी। मैं आगे की चुनौतियों के लिए तैयार हूं।" रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता सिंधू ब्रिजस्टोन के अभियान 'चेज योर ड्रीम' के वर्चुअल इंटरेक्शन में बोलते हुए कहा कि कुछ अपने करियर में बहुत जल्दी सफल हो सकते हैं और कुछ इसे बहुत देर से हासिल कर सकते हैं।
सिंधू ने कहा, "लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमेशा सोचें कि मैं यह कर सकता हूं। खेलों के कुछ महान खिलाड़ियों के स्तर तक पहुंचने के लिए वर्षों की कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। मुझे यकीन है कि अगर सभी माता-पिता अपने बच्चों को खेल में रुचि रखने वाले सही तरीके से सलाह और मार्गदर्शन करते हैं, तो वे सफल होने के लिए बाध्य हैं।'' सिंधु ने कहा कि धीरज और प्रदर्शन उनकी सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा, ''आपको प्रयास करने होंगे, एक विजन होना चाहिए। कुछ भी आसानी से हमारे पास नहीं आता। हर किसी का एक लक्ष्य होना चाहिए और उसका पीछा करते रहना चाहिए, जैसा कि इस अभियान से पता चलता है।"