नई दिल्ली। वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप 2019 में भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साई प्रणीत ने सेमीफाइनल में हारकर भी इतिहास रच दिया था। उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया। प्रणीत 36 साल में इस बड़े टूर्नामेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरूष खिलाड़ी बन गए। प्रकाश पादुकोण ने 1983 चरण में विश्व चैम्पियनशिप के पुरूष एकल में कांस्य पदक हासिल किया था। इतिहास रचने पर प्रणीत ने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि यह उनके लिए कभी ना भूला पाने वाला महीना रहा है।
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कांस्य पदक जीतने पर प्रणीत ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, ''मैं वास्तव में बहुत खुश हूं। यह हमेशा याद रखने वाला महीना है। मुझे विश्व चैंपियनशिप शुरू होने से ठीक पहले अर्जुन पुरस्कार मिला, यह प्रेरणाओं में से एक था। मुझे खुशी है कि मैंने कांस्य जीतकर इसका अनुसरण किया।'' बता दें कि प्रणीत को शनिवार मैन्स सिंगल्स के सेमीफाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 जापान के केंतो मोमोता से हार मिली थी। मोमोता ने आसानी से 21-13, 21-8 से जीत हासिल की थी।
Sai Praneeth on winning a Bronze Medal at BWF World Championships 2019: I'm really happy. It's a month to remember forever. I got Arjuna Award right before the start of World Championships, it was one of the motivations. I'm happy that I followed it by winning a Bronze.#Badminton pic.twitter.com/KYXEdECXfy
— ANI (@ANI) August 27, 2019
पुरुष सेमीफाइनल में प्रणीत दोनों गेम में अंक जीतने की शुरुआत करने के बावजूद जापानी खिलाड़ी के सामने कोई चुनौती पेश नहीं कर पाए थे। प्रणीत ने 42 मिनट में यह मुकाबला गंवाया। इस हार के बाद 19वीं रैंकिंग के प्रणीत का मोमोता के खिलाफ 2-4 का करियर रिकॉर्ड हो गया है। प्रणीत ने पहले गेम में 2-0 की बढ़त बनाई, लेकिन इसके बाद वह पिछड़ते रहे। पहले गेम में प्रणीत ने पहले 10 अंक तक संघर्ष किया, लेकिन मोमोता ने 15-10 की बढ़त बनने के बाद यह गेम 21-13 से जीत लिया। दूसरे गेम में भी प्रणीत ने पहला अंक लिया, लेकिन मोमोता ने लगातार आठ अंक लेकर 9-2 की बढ़त बना ली। प्रमोमोता ने यह गेम 21-8 से अपने नाम कर प्रणीत का सफर सेमीफाइनल में खत्म किया।