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शानदार रहा है सिंधु का सफरः
सिंधु का विश्व चैंपियनशिप में शानदार रिकॉर्ड है, उन्होंने 2013 और 2014 में ब्रॉन्ज मेडल, जबकि पिछले साल सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। जबकि पिछले साल ग्लास्गो में फाइनल में नोजोमी ओकुहारा से वह 110 मिनट तक चले ऐतिहासिक मुकाबले में हार गई थी। सिंधु लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और पिछले साल वह छह फाइनल में पहुंची थी, जिसमें से उसने इंडिया ओपन, कोरिया ओपन और सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय में जीत दर्ज की, लेकिन वह विश्व चैंपियनशिप, दुबई सुपर सीरीज और हांगकांग के फाइनल में हार गई थी।
श्रीकांत के ऊपर भी होगा दारोमदारः
पुरुष एकल में किदाम्बी श्रीकांत भी लंबे समय से यहां पदक जीतने के सपने को साकार करना चाहेंगे। पिछले सत्र में चार खिताब और इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले श्रीकांत का सामना आयरलैंड के एनहाट एनगुएन से होगा। उनके तीसरे दौर में इंडोनेशिया के 13वें वरीय जोनाटन क्रिस्टी से भिड़ने की संभावना है। तीन बार के ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट मलेशिया के ली चोंग वेई ने खराब स्वास्थ्य के कारण टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया है, जिससे श्रीकांत इस मौके का फायदा उठाकर ड्रॉ में आगे पहुंचकर पदक जीत सकते हैं।
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अन्य खिलाड़ियों से भी है उम्मीदें
अन्य खिलाड़ियों में बी साई प्रणीत इस सत्र में खराब फाॅर्म में हैं लेकिन इस भारतीय को वॉकओवर मिला है, क्योंकि कोरिया के सोन वान हो ने हटने का फैसला किया है। समीर वर्मा को भी अपना शानदार प्रदर्शन करना होगा, वह शुरुआती दौर में फ्रांस के लुकास कोरवी के सामने होंगे।