नई दिल्ली | ओलम्पिक में कांस्य जीत चुकीं सायना नेहवाल के बाद भारत को हैदराबाद की पीवी सिंधु के रूप में एक और बैडमिंटन स्टार मिल गया है। सिंधु ने शुक्रवार को विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के एकल वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ सिधु ने अपने लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया है। सिंधु देश के लिए विश्व चैम्पियनशिप में व्यक्तिगत पदक अपने नाम करने वाली पहली महिला बन गई हैं।
सिंधु से पहले भारत ने इस चैम्पियनशिप में सिर्फ दो पदक जीते थे। 1983 में प्रकाश पादुकोण ने कोपेनहेगन में कांस्य जीता था जबकि उसके 28 साल बाद ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में लंदन में महिला युगल का कांस्य हासिल किया था।
उपलब्धियां :
-2009 में कोलम्बो में सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में कांस्य
-2010 में ईरान में फाजिर अहमद अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में रजत
-2010 में मेक्सिको में आयोजित जूनियर वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचीं
-2010 में उबेर कप के लिए भारतीय राष्ट्रीय टीम में शामिल
-जुलाई 2012 में एशिया यूथ अंडर-19 चैम्पियनशिप में पहला स्थान
-2012 चाइना मास्र्ट्स सुपर सीरीज टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचीं
-2012 में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में उपविजेता
-दिसम्बर 2012 में लखनऊ में आयोजित सैयद मोदी इंडिया ग्रां प्री गोल्ड टूर्नामेंट में उपविजेता
-2013 में मलेशिया ओपन खिताब जीता, करियर का पहला ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड खिताब
सिंधु का जीवन परिचय :
पूरा नाम : पुसार्ला वेंकट सिंधु
जन्म : पांच जुलाई, 1995
ऊंचाई : 5 फुट 10 इंच
मौजूदा रैंकिंग : 12वीं
सर्वोच्च रैंकिंग : 11वीं
पिता का नाम : पीवी रमन्ना (अर्जुन पुरस्कार (2000) विजेता वॉलीबॉल खिलाड़ी)
मां का नाम : पी. विजया (पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी)