टोक्यो: पीवी सिंधु ने आखिर वो कर दिखाया जिसकी उनसे उम्मीद थी। 26 वर्षीय बैडमिंटन स्टार 2 ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। सिंधु ने रविवार को टोक्यो ओलंपिक में महिला सिंगल्स में कांस्य पदक मैच में चीन की ही बिंगजियाओ को 21-13, 21-15 से हराकर इतिहास रच दिया।
सिंधु ओलंपिक खेलों में महिला सिंगल बैडमिंटन वर्ग में एक से ज्यादा पदक जीतने वाली चौथी एथलीट भी हैं।
सिंधु ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी भी थीं। साइना नेहवाल ओलंपिक में बैडमिंटन पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं, जब उन्होंने 2008 में बीजिंग में कांस्य पदक जीता था।
Tokyo 2020: पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, 2 ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी
इस ओलंपिक में सिंधु का कांस्य पदक का सफर ऐसा रहा-
ग्रुप प्ले स्टेज मैच- पीवी सिंधु ने आसानी से ओपनिंग मैच बिना किसी परेशानी के जीता। भारत की पदक की उम्मीद सिंधु ने इजराइल की पोलिकारपोवा को 21-7, 21-10 से हराते हुए बैडमिंटर के महिला ग्रुप प्ले स्टेज में जीत दर्ज की थी।
दूसरा मैच- ये मुकाबला भी सिंधु के लिए आसान था। उन्होंने हांगकांग की नगन यी चेउंग के खिलाफ अपना ग्रुप जे मैच खेलते हुए 21-9, 21-16 से जीत दर्ज की।
राउंड ऑफ 16 मैच- सिंधु ने 13वीं वरीयता प्राप्त डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ड को हराकर ओलंपिक में अपनी जीत की हैट्रिक पूरी कर ली। अभी तक दो मैचों में आसानी से जीतकर यहां तक पहुंची सिंधु के लिए यह ओलंपिक में पहला वास्तविक टेस्ट था, जिसमें वे खरी उतरीं।
क्वार्टरफाइनल मुकाबला- सिंधु ने जापान की अकाने यामागुची को 55 मिनट से ज्यादा चले इस मैच में 21-13 और 22-20 से जीत हासिल कर ली। ये मुकाबले दूसरा सेट आते-आते जबरदस्त रोमांच तक पहुंच चुका था, जहां सिंधु ने फिर से साबित कर दिया कि वे एक वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी क्यों हैं।
सेमीफाइनल मैच- केवल इसी मैच में सिंधु का दिन नहीं था। उन्हें सेमीफाइनल मुकाबले में विश्व की नंबर वन खिलाड़ी ताई जू यिंग से हार का सामना करना पड़ा है। यिंग ने 21-18, 21-12 से मुकाबला अपने नाम कर फाइनल में प्रवेश कर लिया।
ब्रॉन्ज मेडल मैच- सिंधु ने अपनी प्रतिद्वंदी ही बिंगजियाओ को टिकने नहीं दिया। फिर से इस खेल में अपनी महारत दुनिया के सामने पेश करते हुए उन्होंने चीनी खिलाड़ी को सीधे सेटों में 21-13, 21-15 से हराकर इतिहास रच दिया।