नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में पुलेला गोपीचंद के नाम को किसी भी तरह के परिचय की दरकार नहीं है। वह पिछले कुछ सालों में भारतीय बैडमिंटन को दिशा दिखाने वाले वो स्तंभ बने हैं जिनके नेतृत्व में भारतीय शटलर्स ने कई अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपने परचम लहराया है, फिर वो खेलों का महाकुंभ ओलंपिक्स ही क्यों न हो। गोपीचंद के नेतृत्व में सायना नेहवाल ने बैडमिंटन में भारत के लिये पहला पदक (ब्रॉन्ज, लंदन 2012) जीता था, जिसके बाद 2016 के रियो ओलंपिक्स में गोपीचंद ने पीवी सिंधु को भारत के लिये पहला सिल्वर मेडल जिताने में भी अहम भूमिका निभाई।
पीवी सिंधु ने गोपीचंद के नेतृत्व में लंबे समय तक ट्रेनिंग ली और बैडमिंटन करियर में अब तक हासिल किये गये सभी उपलब्धियों का बड़े हिस्से में उन्हीं का योगदान है। ऐसे में जब टोक्यो ओलंपिक 2020 से कुछ महीने पहले भारत के लिये पदक की सबसे बड़ी दावेदार पीवी सिंधु ने गोपीचंद की एकैडमी को छोड़कर साउथ कोरियाई कोच पार्क ताई संग के साथ जुड़ने का फैसला किया तो कई लोगों को बड़ा झटका लगा।
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2019 में गोपीचंद ने कई खिलाड़ियों का वर्कलोड मैनेज कर उन्हें ट्रेनिंग देनी शुरू की और सिंधु समेत कई महिला खिलाड़ियों को भारतीय बैडमिंटन की कोचिंग टीम में शामिल हुए किम जी यूं के दिशानिर्देश में ट्रेनिंग लेने को कहा है। सिंधु ने उनके नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन किया और 2019 के बीडबल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप का टाइटल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई है।
2020 में किम के इस्तीफा देने के बाद वर्तमान कोच सैंग की नियुक्ति हुई है और तबसे वो सिंधू के साथ ही काम कर रहे हैं। जहां एक तरफ सिंधू और उनके कोच सैंग के बीच सबकुछ बढ़िया जा रहा था वहीं पर दूसरी तरफ गोपीचंद दूसरे दिग्गज खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग कर रहे थे। इस बीच सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ी कि सिंधू ने अक्टूबर 2020 में 3 महीने के लिये रिकवरी और न्यूट्रीशन प्रोग्रम के लिये उड़ान भरी थी जिसके चलते उनके और कोच गोपीचंद के बीच दरार आ गई है और इसी के चलते सिंधु ने गोपीचंद अकैडमी छोड़ दी है।
इस दौरान ऐसी भी खबरें सामने आई कि सिंधू और गोपीचंद के बीच सबकुछ ठीक नहीं है और इसी के चलते सिंधू ने गोपीचंद के अंडर चल रहे, नेशनल कैंप को छोड़कर इंग्लैंड चले गये थे। अब इस मामले पर सिंधू के पिता ने बयान देते हुए खुलासा किया कि उन्होंने गोपीचंद अकैडमी को सिर्फ इस वजह से छोड़ा क्योंकि वह उन पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे न कि उन दोनों के बीच किसी बात पर बहस या विवाद होता था।