गोपीचंद ने भेजा था मैसेज-
सिंधु की इस जीत में उनके पुराने कोच और दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी रहे पुलेला गोपीचंद का भी अहम योगदान रहा है। हालांकि यह दोनों कुछ साल पहले अलग-अलग काम करने पर राजी हुए थे। और अब यह माना गया था शायद गोपीचंद और सिंधु के बीच में किसी बात को लेकर टकराव हुआ है जिस कारण इन दोनों दिग्गजों ने अपनी अपनी राह बदल ली है।
इसके बावजूद जब हैदराबाद में जन्मी दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी ने टोक्यो ओलंपिक में चीन की बिंगजियाओ को हराया और ब्रॉन्ज मेडल जीता तो गोपीचंद उनको बधाई देने वाले सबसे पहले व्यक्तियों में शामिल थे।
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साइना नेहवाल का संदेश नहीं आया-
सिंधु की यह उपलब्धि भारतीय बैडमिंटन इतिहास में बड़े ही जश्न का विषय मानी जा रही है। लेकिन जब सिंधु से पूछा गया कि क्या उनकी सीनियर साइना नेहवाल ने भी उनको बधाई दी है तो चीजें थोड़ी अजीब तरीके से सामने आई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सिंधु ने साफ तौर पर बताया है कि साइना नेहवाल की ओर से उनको किसी तरह का कोई बधाई संदेश नहीं आया है।
उन्होंने कहा, "बिल्कुल गोपी सर ने मुझे बधाई दी, बस यही सब हुआ। मैंने अभी सोशल मीडिया नहीं देखी है मैं धीरे-धीरे हर किसी को रिप्लाई दे रही हूं। गोपी सर ने मुझे मैसेज किया, साइना नेहवाल ने नहीं किया, हम लोग ज्यादा बातें नहीं करते हैं।"
साइना के करियर में गिरावट आई है-
एक तरफ पीवी सिंधु जहां अपने करियर में नई ऊंचाइयां छू रही हैं तो 2019 के बाद साइना नेहवाल के करियर में काफी गिरावट आई है और वे टोक्यो ओलंपिक 2020 में क्वालीफाई करने में भी चूक गई थी। नेहवाल ने ओलंपिक 2020 की साइकिल के दौरान 17 टूर्नामेंट खेले जिसमें 28 मुकाबले खेले गए और वह केवल 11 ही जीत पाई, उनका विनिंग परसेंटेज 39.3% रहा।