पहले ही ब्राॅन्ज मेडल कर चुकीं थी पक्का
लवलीना के प्रदर्शन के कारण असम चर्चा में आया। लवलीना असम की पहली महिला मुक्केबाज भी हैं जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। लवलीना ने ब्राॅन्ज मेडल 30 जुलाई को क्वार्टर फाइनल जीतकर ही अपने नाम कर लिया था। तब असम की सरकार उनके गांव का विकास करने के लिए भी जाग गई। लवलीना के घर की ओर जाने वाला रास्ता अभी तक कच्चा था, लेकिन वहां के विधायक ने तुंरत सड़क पक्की करवाने का आदेश दे दिया।
पक्की हो रही है लवलीना के गांव की सड़क
असम के गोलघाट जिले के बारोमुथिया गांव की स्थिति बेहद खराब थी। अब असम की सरकार नहीं चाहती कि देश की मेडलिस्ट लवलीना जब घर आए तो उसे कीचड़ से गुजरना पड़े। ऐसे में विधायक बिस्वजीत फुकन ने सड़क पक्की करने के आदेश दिए जिसके बाद अब लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा टोक्यो से ओलंपिक पदक के साथ भारत लौटने से पहले लवलीना के घर तक जाने वाली 3.5 किलोमीटर की कच्ची सड़क की मरम्मत की जा रही है।
लवलीना ने रचा इतिहास
भले ही लवलीना मैच हार गईं, लेकिन वो मेडल लाकर नया इतिहास रचने में सफल हुई हैं। वह दूसरी महिला मुक्केबाज बन गई हैं जिन्होंने ओलंपिक में मेडल जीता हो। भारत को ओलंपिक में 9 साल बाद बाॅक्सिंग में कोई मेडल आया है। इससे पहले बीजिंग ओलंपिक खेल-2008 में विजेंद्र सिंह और लंदन ओलंपिक खेल-2012 में मैरी काॅम ने भारत के लिए ओलंपिक में ब्राॅन्ज मेडल हासिल किया था।