नई दिल्ली। टोक्यो ओलिंपिक क्वालिफायर के लिए 51 किलोग्राम भार वर्ग में ट्रायल मुकाबले में निखत जरीन को मैरीकाॅम के हाथों बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। मैरीकाॅम ने 9-1 से मैच अपने नाम किया, लेकिन यह मैच विवाद का रूप उस समय ले बैठा जब मैरीकाॅम ने मैच समाप्ति के बाद निखत जरीन के साथ हाथ मिलाने से मना कर दिया। मैरीकाॅम जीतने के बाद बेहद गुस्से में नजर आईं जिसको लेकर फिर निखत ने नाराजगी जाहिर की। मामला इतना बढ़ा कि दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे पर शब्दों के बाण छोड़ने लगे। इन दोनों महिला खिलाड़ियों के बीच हुए आपसी विवाद पर अब खेल मंत्री किरेन रिजिजू का बयान सामने आया है। उन्होंने निखत को एक अद्भुत खिलाड़ी माना।
किरेन रिजिजू ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा, "इसपर बहुत बड़ा मुद्दा बना दिया गया है। मैरीकॉम एक किंवदंती है जिसने विश्व भर में मुक्केबाजी में वो हासिल किया है जो अन्य मुक्केबाज हासिल नहीं कर पाया है। निखत जरीन एक अद्भुत मुक्केबाज है, जो मैरीकॉम के नक्शेकदम पर चलने की क्षमता रखती है। भारत को इन दोनों पर गर्व है।"
बता दें कि बीएफआई ने कहा था कि विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण, रजत और कांस्य जीतने वाली खिलाड़ियों को ट्रॉयल्स नहीं देना होगा, जिसका निखत ने जमकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि सभी को ट्रायल देना चाहिए। निखत ने सीधा मैरीकाॅम को चुनाैती दी थी। उन्होंने मैरीकाॅम से लड़ने की मांग रखी थी। हालांकि वो हार गई और यह हो गया कि फरवरी में चीन में आयोजित होने वाले इस मुकाबले में मैरीकॉम भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
Too much of issues are created on this! Mary Kom is a legend who has achieved what no other boxer has ever achieved in the World Amateur Boxing. Nikhat Zareen is an amazing boxer who has the potential to follow the footsteps of Mary Kom. India is proud of both of them. Period... https://t.co/f5enVqwIaj
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) December 30, 2019
मैच के बाद मैरीकाॅम ने कहा था, '' उनसे हाथ क्यों मिलाऊं? अगर वो सम्मान चाहती हैं तो पहले उन्हें सम्मान देना चाहिए। मैं ऐसा व्यवहार करने वाले लोगों को पसंद नहीं करती हूं। खुद को साबित करना है तो रिंग में करो, बाहर नहीं।'' वहीं अब निखत का कहना है कि उनकी मैरीकाॅम से कोई आपसी लड़ाई नहीं है। वह सिर्फ सिस्टम के खिलाफ बोल रहीं थी। निकहत ने रविवार को आईएएनएस को बताया, "यहां तक कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि यह सब होगा।" "यह मेरे लिए बहुत नया था। मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि वह ट्विटर पर जाने और खेल मंत्री को पत्र लिखने के लिए मुझ पर इतना गुस्सा करेंगी। अगर वह व्यक्तिगत रूप से यह सब ले रही हैं तो यह उनकी मर्जी है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती। मैं एक निष्पक्ष मुकदमे के लिए लड़ रही थी। मैं मैरी कॉम या महासंघ के खिलाफ नहीं, बल्कि व्यवस्था के खिलाफ लड़ रही थी। मैं कह रही थी कि हर प्रतियोगिता से पहले ट्रायल होना चाहिए।"