लवलिना के पैरेंटस ने पूरे ओलंपिक में एक भी मैच नहीं देखा
इसके पीछे का कारण यह था कि लवलीना की मां मामोनी और पिता टिकेट बोरगोहेन ने ओलंपिक के दौरान लवलिना के हर मैच को मिस किया है। लवलिना जब कभी भी रिंग में उतरती तो वो दूसरे कमरे में बैठकर अपनी बेटी की जीत की दुआयें मांग रहे होते थे। इस दौरान बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन के गांव बारोमुखिया (गोलाघाट, असम) में सभी लोग उनके घर पर इकट्ठा होकर मैच देखने का लुत्फ उठाते नजर आते हैं।
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बात करते हुए लवलीना के पिता टिकेन बोरगोहेन ने कहा, 'हमने अभी उसका मैच नहीं देखा है, हालांकि जिन लोगों ने देखा उन्होंने बताया कि वो काफी बहादुरी से लगी और आसानी से हार नहीं मानी। किसी भी खेल में हार या जीत उसका हिस्सा होता है, हमें उसकी उपलब्धि और दुनिया में भारत और असम का नाम रोशन करने पर गर्व है। हमें उम्मीद है कि वह अपने इस अनुभव से सीख लेंगी और अगली बार पदक का रंग बदलेंगी।'
मैरी कॉम के बाद दूसरी बॉक्सर बनीं लवलीना
लवलीना के पिता ने बताया कि उन्होंने बेटी से बात तो की है लेकिन मैच के बारे में कुछ नहीं कहा है। गौरतलब है कि भारतीय बॉक्सिंग के इतिहास में लवलीना ओलंपिक में पदक हासिल करने वाली दूसरी मुक्केबाज बनी हैं। लवलीना से पहले भारत के लिये मैरी कॉम ने बॉक्सिंग में पदक जीता था।
पीएम, राष्ट्रपति और सीएम ने भी दी बधाई
इस मौके पर लवलीना को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा देश भर से बधाइयां मिल रही हैं। वहीं पर असम के सीएम हेमंत बिस्वा ने भी लवलीना की उपलब्धि पर बधाई देते हुए लिखा कि असम की बेटी को ओलंपिक से घर पर कांस्य पदक लाने के लिये बधाई। आपका नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है।आपकी अभूतपूर्व उपलब्धि पर देश को आप पर गर्व है।