टोक्यो : पुरुष मुक्केबाजी के सुपर हैवीवेट वर्ग में भारत के सतीश कुमार ने शानजार तरीके से जीत दर्ज की। उनकी आंख पर चोट लगी थी, लेकिन बावजूद इसके हिम्मत दिखाते हुए सतीश ने विरोधी को धूल चटाते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली। सतीश ने जमैका के रिकाड्रो ब्रोउन को मात दी। अब सतीश ओलंपिक पदक से महज एक कदम दूर हैं। अब टोक्यो ओलंपिक हैवीवेट बॉक्सिंग क्वार्टरफाइनल में विश्व चैंपियन बखोदिर जलोलोव से भिड़ेंगे।
सतीश ने पहले राउंड में पूरा दम दिखाया। उन्होंने सभी जजों से एकतरफा 10 अंक हासिल किए, जबकि दूसरे राउंड में एक को छोड़कर चार जजों ने उन्हें पूरे 10 अंक दिए। तीसरे राउंड में भी यही हुआ और आखिर में सतीश ने 4-1 के स्पिलिट डिसिजन से मैच अपने नाम कर लिया। राउंड ऑफ 16 के इस मैच के पहले राउंड को सतीश ने 10-9 से अपने नाम किया और शानदार शुरुआत की। हालांकि दूसरे राउंड में ब्रोउन ने वापसी करना चाही। सतीश के कोच ने उन्हें सटीक पंच मारने के लिए कहा और वह सलाह काम कर गई। भारतीय बॉक्सर यहां भी लीड में देखा।
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सतीश कुमार का ड्रॉ साफ हो गया है। अगला मुकाबला उनके लिए मुश्किल होने वाला है क्योंकि उन्हें रविवार को सतीश को क्वार्टरफाइनल में उज्बेकिस्तान के जालोलोव बाखोदिर से भिड़ना है जो इस कैटेगरी के टॉप सीड हैं। सतीश कुमार ने इस मैच में ज्यादा अटैकिंग खेल पेश नहीं किया। वह अंक बटोरने के बाद खुद को सुरक्षित करने लगे। उनकी आंख में चोट आ गई थी, जिस कारण उन्होंने बचाव करना सही समझा। हालांकि, सीथ ने जरूरत पड़ने पर डैब करके और फिर पंच के साथ उन्होंने अंक हासिल किए। सतीश का फुटवर्क काफी अच्छा दिखा।
ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत का कोई मुक्केबाज हेवीवेट कैटेगरी में ओलिंपिक में उतरा है। अपने पहले ही मैच में ओलिंपिक की रिंग में जिस तरह से सतीश कुमार लड़े, उसे देखकर मेडल की उम्मीद बनी है। टोक्यो ओलिंपिक की बॉक्सिंग रिंग में भारत को अपने मुक्केबाजों से मेडल की काफी उम्मीदें हैं। अब तक इस उम्मीद पर मैरीकॉम, पूजा रानी, लवलीना, अमित पंघाल और सतीश कुमार खरे उतरते दिखे हैं। देखना बाकी है कि इनमें से काैन मेडल जीत पाता है।