टोक्यो: आज (29 जुलाई) भारत के लिए दिन का सबसे बड़ा मुकाबला मैरी कॉम और कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया के बीच हुआ। भारत को यहां पर अप्रत्याशित रिजल्ट देखने को मिला क्योंकि यहां देश की पदक की बड़ी उम्मीद खत्म हो गईं। मैरी कॉम ने जबरदस्त टक्कर के इस मुकाबले में अंत तक हार नहीं मानी लेकिन वालेंसिया की चुस्ती-फुर्ती अंत में कोलंबिया की खिलाड़ी के लिए एडवांटेज साबित हुई। मैरी कॉम ने तीसरे राउंड तक चले इस मैच को 2-3 से गंवा दिया।
लवलीना और पूजा रानी के तौर पर भारत की दो महिला बॉक्सर पहले ही क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी थीं और मैरी कॉम भी अंतिम 8 की लड़ाई लड़ रहीं थीं। मैच भले ही भारत के पक्ष में नहीं गया लेकिन जिस तरह से मैरी ने प्रदर्शन किया वो काबिलेतारीफ रहा। मैच कभी भी एकतरफा नहीं रहा।
मैच में वालेंसिया ने पहला अटैक किया। मैरी कॉम ने अपने चिर-परिचित स्टांस के साथ मुकाबला शुरू किया। दोनों ने ही क्लीन पंच लगाए लेकिन टॉप गियर में दोनों का ही खेल नहीं था। इस दौरान मैरी कॉम के दो-तीन प्रहार बिल्कुल टारगेट पर लगे। मैच आगे बढ़ता गया लेकिन बराबरी का रहा, कोई किसी पर भारी पड़ता हुआ नहीं दिखाई दिया। हालांकि वालेंसिया आक्रमक रही और चार जज ने वालेंसिया को अंक दिए जबकि केवल एक ही जज ने मैरी कॉम को दस अंक दिए।
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मैरी ने इस हार के बाद फिर दूसरे राउंड में वापसी की, जबकि वालेंसिया आक्रामक थी। मैरी कॉम डिफेंस करते हुए बचती दिखीं और फिर उन्होंने क्लीन पंच लगाए और एक के बाद एक प्रहार लगाए। यह खेल ऐसा है कई बार उम्र का फर्क खेल दिखाता है लेकिन मैरी कॉम ने साबित कर दिया कि अनुभव क्या चीज है। उनका एक राइट हुक सीधा फेस पर वालेंसिया पर लगा। फिर उन्होंने एक और शानदार प्रहार किया। उन्होंने पूरी ऊर्जा दिखाते हुए वालेंसिया को पिछाड़ने के लिए कई बॉडी पंच लगाए। दूसरे राउंड में वालेंसिया के पास मैरी कॉम के पंच का जवाब नहीं था। दूसरे राउंड में स्पिलिट तरीके से जज मैरी कॉम के पक्ष में थे। तीन जज ने पूरे 10 अंक दिए।
तीसरा राउंड बहुत अहम था क्योंकि यहां पर मुक्केबाज को बची हुई उर्जा को बचाकर रखना होता है। मैरी कॉम के सामने यहां पर बड़ी चुनौती थी।
तीसरे राउंड में ही उम्र का सबसे अधिक फर्क दिखता है। यहां मैरी ने हुक, पंच लगाने की कोशिश की और इंग्रिट वालेंसिया के मीडिल फेस पर भी पंच लगाया। इसके बावजूद दोनों और से खेल इतना कड़ा था कि कहना मुश्किल था कौन सी बॉक्सर आगे थी। टक्कर का मुकाबला चला और दोनों ही बहुत आक्रामक नहीं थीं लेकिन अब तक मैरी कॉम के चेहरे पर थकावट के निशान दिखने लगे थे। आखिर जजों ने मैच पूरा होने के बाद कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया को विजेता घोषित किया। इससे पहले मैरी कॉम ने वालेंसिया को दो बार मात दी थी लेकिन तीसरा वे हार गईं और ओलंपिक में उनका सफर यहीं पर समाप्त हो गया।