नई दिल्ली: भारतीय की मुक्केबाज मंजू रानी विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2019 के फाइनल मैच में हार गई हैं। इस प्रतियोगिता में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर मंजू को रजत पदक हासिल हुआ है। मंजू ने पहली बार इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था और कमाल का प्रदर्शन करते हुए वे फाइनल मुकाबले तक पहुंची थी। यहां उनका मुकाबला मेजबान रूस की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी एकातेरिना पाल्टसेवा से हुआ जिनको हाथों मंजू को 4-1 से हार का सामना करना पड़ा।
पहली बार विश्व चैंपियनशिप में भाग ले रही मंजू ने शनिवार को सेमीफाइनल में 48 किलोग्राम वर्ग में पूर्व कांस्य पदक विजेता थाईलैंड की चुथामाथ काकसात को 4-1 से हराया। 18 साल बाद यह पहला मौका है जब किसी भारतीय महिला मुक्केबाज अपने पदार्पण विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची है। मंजू से पहले एम सी मैरी कॉम वर्ष 2001 में अपने पदार्पण विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थी।
इस पदक के साथ ही इस प्रतियोगिता में भारतीय अभियान भी समाप्त हो गया है। यह भारत का चौथा पदक साबित हुआ। छह बार की चैंपियन एमसी मैरी कॉम और दो अन्य ने कांस्य पदक हासिल किए थे। मैरीकॉम (51 किलोग्राम), जमुना बोरो (54 किग्रा) और लोवलिना बोर्गोहाइन (69 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता था।
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मंजू ने थाईलैंड की मुक्केबाज को 29-28, 30-27, 29-28, 28-29, 29-28 से मात दी और भारत के लिए इस प्रतियोगिता का पहला रजत पदक पक्का किया। मंजू इस साल थाईलैंड ओपन में काकसात से हार गई थी। लेकिन इस जीत के बाद उन्होंने थाई मुक्केबाज से पिछली हार का बदला भी चुकता कर लिया है।
इससे पहले भारत की जमुना बोरो को विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में 54 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की हूआंग सियाओ-वेन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। वहीं लवलिना बोरगोहेन को 69 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में शनिवार को हार का सामना करना पड़ा था।