नई दिल्लीः हममे से कई लोगों ने 1983 विश्व कप जीत को नहीं देखा है, पुराने लोगों के लिए भी उस समय खेल देखना आज की तरह आसान नहीं था कि स्मार्टफोन ऑन किया और लाइव एक्शन चालू है। तब भारत के अधिकांश लोगों ने 1983 की जीत को रेडियो पर सुना था। यह क्रिकेट में आज भी भारत की सबसे महान जीत है। हालांकि हम खुशनसीब है कि ऑस्ट्रेलिया में पिछले साल हुए दौरे पर भी एक और महान जीत देखने को मिली थी।
1983 की जीत की 38वीं वर्षगांठ पर कपिल देव की वह टीम छाई रही जिसने इंग्लैंड में विंडीज को पीटकर भारत को क्रिकेट महाशक्ति बनाने में पहला कदम उठाया था। एक बार फिर से पुराने खिलाड़ी एकजुट हुए और उस जीत को याद किया। एनडीटीवी से बातचीत करते हुए पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज क्रिस श्रीकांत ने कपिल देव की स्पीच को याद किया है।
श्रीकांत ने बताया, "वेस्टइंडीज के खिलाफ हमारे पहले मैच की पूर्व संध्या पर, हमारे कप्तान (कपिल देव) ने एक जबरदस्त भाषण दिया। उन्होंने कहा कि दोस्तों जब हम वेस्टइंडीज को हरा सकते हैं, तो एक बार और क्यों नहीं? ड्रेसिंग रूम में हर कोई बस एक-दूसरे को देखने लगा। लेकिन दृढ़ संकल्प की भावना, आक्रामकता की भावना और आत्मविश्वास की भावना जो कपिल जिमी अमरनाथ, आदि जैसे लोगों अपने साथ लेकर लाए जिसने हमें आत्मविश्वास दिया। "
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फाइनल मैच में गॉर्डन ग्रीनिज को पछाड़ने वाले बलविंदर संधू ने कहा कि विव रिचर्ड्स को आउट करने के लिए पीछे की ओर दौड़कर लिया गया कपिल देव का कैच मैच का टर्निंग पॉइंट था।
उन्होंने बताया, "हमारी टीम के हर सदस्य का सम्मान करते हुए मैं यह बात कहना चाहूंगा कि कपिल के अलावा कोई भी उस कैच को नहीं ले सकता था। उन्होंने गेंद को इतनी अच्छी तरह से जज किया कि वह थोड़ी बहुत दूर भी गिरी होती तो कपिल आसानी से एडजस्ट करके कैच लपक सकते थे।"
फाइनल मैच में भारत के लिए जीतने जैसा कुछ नहीं था क्योंकि यह टीम केवल 183 रन बनाकर आउट हो गई थी जिसमें श्रीकांत ने 38 रनों की टॉप पारी खेली थी। टारगेट आसान था लेकिन मदनलाल और मोहिंदर अमरनाथ की बॉलिंग के सामने तब का डिफेंडिंग चैम्पियन विंडीज 140 रनों पर ही धराशाई हो गया और भारत ने क्रिकेट में अपना पहला विश्व कप उठाया। आज भी विदेशी धरती पर जीता गया यह देश का एकमात्र 50 ओवर वर्ल्ड कप है।