नई दिल्ली: वसीम अकरम को सदियों में आने वाला गेंदबाज कहा जाता था। वे बाएं हाथ के महानतम तेज गेंदबाज भी हैं जिनके नाम 916 इंटरनेशनल विकेट हैं।
54 साल के वसीम ने 104 टेस्ट खेले और 356 वनडे मैचों में अपनी धारधार गेंदों से बल्लेबाजों में खौंफ बनाए रखा। वसीम ने हालिया बातचीत के दौरान खुलासा किया है कि भारत में किया गया 1999 का दौरा उनके करियर का सबसे यादगार दौरा है।
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शेन वॉटसन के साथ एक शो के दौरान अकरम ने बताया, 'मैं दौरे पर कप्तान था और भारत के खिलाफ 10 साल के गैप के बाद टेस्ट क्रिकेट खेल रहे थे। पहला टेस्ट चैन्नई में हुआ था और मैंने अपनी टीम को बताया था कि अगर स्टेडियम शांत होगा तो इसका मतलब यह है कि हम अपना काम कर रहे है। हमने वह टेस्ट जीता और भारत-पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास में पहली बार था जब चेन्नई के दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाई। ये कुछ ऐसा पल था जो भूला नहीं जा सकता और हमेशा मेरे लिए स्पेशल रहेगा। '
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अकरम को लगता है कि किसी भी पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ किया गया प्रदर्शन हमेशा एक बड़ी बात होती है।
'जब आप भारत के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं, तो पाकिस्तान में हमेशा पहचान बनती है और भारत के खिलाड़ियों के साथ भी ऐसा ही है। 90 के दशक के दौरान हमने भारत के खिलाफ काफी जीते दर्ज की लेकिन आज कहानी अलग है और पासा पूरी तरह से पलट चुका है।'
अकरम ने बताया कैसे वो इन मैचों का दबाव डील करते थे। उन्होंने कहा, 'मैं दबाव में हमेशा निखर कर आता था और इसको सकारात्मक तौर पर लेता था। इस दौरान खुद पर विश्वास करना और अपनी तैयारियों पर भरोसा करना अहम होता है ताकि आप बेहतर प्रदर्शन कर सके। '