पंत-पंत के नारों से गूंजा चेन्नई, जानें क्या बोले ऋषभ
अक्सर मैदानों पर धोनी-धोनी की आवाज से गूंजने वाले स्टेडियम में जब पंत-पंत का नारा लगा तो खुद पंत भी भावुक हो गये।
मैच के बाद जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,' एक खिलाड़ी के तौर पर कई बार आपकों दर्शकों का समर्थन चाहिये होता है। मेरे लिये चेन्नई में यह अनुभव प्रेरणादायक रहा। मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा हूं कि मेरे प्रदर्शन में सुधार हो सके और लोग इसी तरह से अपना समर्थन बरकरार रखें।'
स्वाभाविक नहीं हालात के अनुरूप खेलना होगा
ऋषभ पंत ने अपनी पारी से आलोचकों का मुंह बंद करा दिया और मैच के बाद कहा कि उन्हें समझ आ गया है कि जब आप इस स्तर पर क्रिकेट खेलते हैं तो आपको हालात के अनुरूप खेलना होता है। इसमें स्वाभाविक खेल जैसा कुछ नहीं होता।
मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए पंत ने कहा ,‘मैं इतना समझ गया हूं कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में स्वाभाविक खेल जैसा कुछ नहीं होता है। इसमें टीम की जरूरत या हालात के अनुरूप खेलना होता है। मैं सीख रहा हूं । टीम की जीत के लिये मैं जो कुछ कर सकता हूं, उस पर फोकस करूंगा । आखिर में मैने रन बनाये ।'
मेरा पूरा ध्यान खेल में सुधार पर न कि आलोचनाओं की ओर
पिछले कुछ समय से लगातार आलोचकों के निशाने पर बने पंत ने कहा कि वह सिर्फ अपने खेल पर फोकस कर रहे हैं। उन्हें किसी की आलोचना की कोई परवाह नहीं है।
पंत ने कहा ,‘जब आप खेलते हैं तो जाहिर सी बात है कि कई बार आपके खेल की तारीफ होगी और कई बार आपको आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा। मैं उस पूरी प्रक्रिया पर फोकस करना चाहता हूं जिसके तहत मैं अपने खेल को निखार सकूं। मैं पूरा ध्यान अपने खेल पर लगा रहा हूं ।'
आलोचना के बीच इस बात से मिलती थी प्रेरणा
उन्होंने कहा कि लगातार आलोचनाओं के बावजूद उनका खुद पर पूरा भरोसा था और इसी प्रेरणा के तहत वह रविवार को अच्छी पारी खेल सके।
उन्होंने कहा ,‘खुद पर भरोसा बनाये रखना सबसे जरूरी है । लोग आसपास चाहे जो बात करे । कई बार रन बनते हैं और कई बार नहीं लेकिन प्रक्रिया अहम होती है । जब मैं भारत के लिये खेल रहा हूं तो हर पारी अहम है । मैं अपने प्रदर्शन में रोज सुधार देखना चाहता हूं। ऐसे में मुश्किल परिस्थितियों में आया यह अर्धशतक मेरे लिये बेहद अहम है।'