नई दिल्लीः साइमन टॉफेल को दुनिया का सबसे अच्छा अंपायर माना जाता रहा है और उनका कहना है कि 2011 विश्व कप के फाइनल मुकाबले से पहले भी एक और मैच हुआ था जो कि फाइनल जैसा ही था और ऑस्ट्रेलिया के इस दिग्गज अंपायर ने यह मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच सेमीफाइनल मैच बताया है। उस मैच में भारत ने कट्टर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 29 रनों से हराकर प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश किया था।
साइमन टॉफेल ने आईसीसी से बात करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर वह एक यादगार अवसर था जब मोहाली में मैच हुआ और यह अपने आप में एक फाइनल था। ऐसा लग रहा था कि जैसे पूरी दुनिया इसी को देख रही है। वह आगे बताते हैं कि चंडीगढ़ में एयरपोर्ट पर तो ऐसा लग रहा था कि जैसे पूरी दुनिया ने अपने प्राइवेट जेट वहीं पर ही पार्क कर दिए हैं।
सौरव गांगुली ने कहा- लाइफ की कोई गारंटी नहीं, बताया क्या था करियर का सबसे बुरा समय
जाहिर है कि किसी भी आस्ट्रेलिया या विदेशी अंपायर के लिए यह अपने आप में काफी अनोखा अवसर था लेकिन जो लोग भारत और पाकिस्तान के बीच की कट्टर प्रतिद्वंदिता को जानते हैं वे इस बात से बखूबी परिचित हैं कि इन दोनों प्रतिद्वंद्वियों में जब आईसीसी की प्रतियोगिता में आमना-सामना होता है तो इस तरह के हाईवोल्टेज मुकाबले देखने को मिलते रहे हैं।
साइमन टॉफी ने इसके बाद भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल मुकाबले की बात की और बताया कि किस तरह से धोनी ने वह मैच स्टाइल में फिनिश किया था। उस छक्के को याद करते हुए साइमन बताते हैं कि, मुझे आज भी पता है कि वह बॉल जब हिट हुई थी और आउट ऑफ द पार्क चली गई थी और तब हमने कहा कि चलो भगवान का शुक्र है कि यह अब पूरा हुआ। जबकि दूसरे लोग जश्न मना रहे थे और एक दूसरे को बधाई दे रहे थे लेकिन अंपायरों के लिए यह एक तरह की चैन की सांस थी कि इतना बड़ा टूर्नामेंट अच्छे से समाप्त हो गया है। टॉफेल कहते हैं कि उसके बाद हम लोग घूम सकते थे और अपने रूम में जाकर रिलैक्स कर सकते थे।