पैडी अपटन ने दी टीम को मानसिक मजबूती
गैरी ने बताया कि कैसे ग्रेग चैपल के कार्यकाल के बाद भारतीय टीम का मनोबल काफी निचले स्तर पर पहुंच चुका था और खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति को सुधारने के लिये अपटन ने कर्स्टन के साथ मिलकर शानदार काम किया। डेली सन के साथ बात करते हुए गैरी कर्स्टन ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में अपटन के महत्व पर अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा,'मेरा मानना है कि कभी-कभी दाएं हाथ वाला व्यक्ति भी बेहतर योजनाओं के साथ आ सकता है। एक मजबूत भरोसेमंद संबंध जहां एक प्रमुख कोच को चुनौती दी जा सकती है और लगातार सार्थक प्रतिक्रिया मिल सकती हैं, हर टीम के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए मेरे 3 साल के कार्यकाल में पैडी अपटन मेरे साथ इस भूमिका में था।'
मानसिक परेशानी पर कतराते हैं भारतीय खिलाड़ी
दुनिया भर में लोकप्रिय क्रिकेट के खेल को भारत में धर्म का दर्जा दिया जाता है, जिसके चलते भारतीय खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव देखने को मिलता है। कर्स्टन के अनुसार खेल हो या फिर कुछ और लोगों को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में पैडी अपटन ने भारतीय टीम से दबाव कम करने और खेल को बेहतर बनाने में मदद की।
उल्लेखनीय है कि हाल ही एमएस धोनी ने मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने वाली संस्था के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि सभी की तरह भारतीय खिलाड़ी भी मानसिक परेशानी से गुजरते हैं, हालांकि वह इस पर बात करने से कतराते हैं, ऐसे में भारतीय टीम के साथ एक मेंटल कंडिशनिंग कोच की जरूरत हमेशा ही रहती है।
28 साल बाद भारत ने जीता था दूसरा विश्व कप
गौरतलब है कि साल 2011 में भारत ने दूसरी बार आईसीसी का वनडे विश्व कप जीता था। 1983 में पहली बार खिताब जीतने के बाद भारतीय टीम को दूसरे खिताब के लिये 28 साल का इंतजार करना पड़ा था। गैरी कर्स्टन की कोचिंग में भारतीय टीम ने अपना दूसरा खिताब जीता, जिसके बाद भारतीय टीम की कोचिंग की जिम्मेदारी डंकन फ्लेचर को सौंप दी गई।