नई दिल्लीः ये भारत और श्रीलंका के बीच बेंगलुरु में दूसरा टेस्ट मैच चल रहा था। भारत ने टॉस जीता और विकेट बल्लेबाजों को बढ़िया लगा। नवजोत सिद्धु ने 99, कांबली ने 82 और सचिन ने 96 रन बनाए थे। लेकिन यह कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन थे जिन्होंने 108 रन बनाकर टॉप किया। भारत ने 6 विकेट पर 541 रन बनाकर पारी घोषित की।
जवाब में मनोज प्रभाकर ने चार विकेट लिए जिनका साथ कपिल देव और अनिल कुंबले (दोनों को 3-3 विकेट मिले) ने बखूबी निभाया। श्रीलंका बेचारगी वाली हालत में 231 पर ढेर हो गया था। उनको फॉलो-ऑन मिला और तब भी हालत वैसी ही रही।
श्रीलंका ने 188 रनों पर 8 विकेट गंवा दिए थे और कपिल देव तब 431 विकेटों से दो विकेट दूर थे। यह रिचर्ड हेडली का रिकॉर्ड था। तभी कपिल को प्रमोदया विक्रमसिंघे और डॉन अरुणासिरी के विकेट मिले और वे महान रिचर्ड हेडली के सर्वाधिक टेस्ट विकेटों की बराबरी पर पहुंच गए। लंका की टीम 215 रनों पर ढेर थी और भारत ने एक पारी और 75 रनों से यह मुकाबला जीत लिया।
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कपिल की महान उपलब्धि का यह असर था कि अजहरुद्दीन ने अपना मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड भारत के सबसे महान ऑलराउंडर को सौंप दिया।
हेडली दुनिया में 400 टेस्ट विकेट तक पहुंचने वाले पहले गेंदबाज थे। उनका 400वां विकेट संजय मांजरेकर थे। हेडली के रिकॉर्ड के 9 दिन बाद ही कपिल देव ने हसन तिलकरत्ने को आउट करके यह रिकॉर्ड तोड़ दिया था। कपिल आज भी एशिया में सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं।
तब क्रिकेट में केवल टेस्ट का ही बोलबाला होता था और 400 टेस्ट विकेट बहुत ही बड़ी बात थी। ऐसे में आज से 27 साल पहले बनाई गई ये कपिल की ये उपलब्धि विश्व क्रिकेट भूलता नहीं है।