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2nd Test: भारतीय टीम को पिंक बॉल से हो रही मुश्किल, कोहली-शमी ने फ्लड लाइट में की प्रैक्टिस

नई दिल्ली। बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम पर भारतीय टीम अपना पहला ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने को तैयार है। इसको लकेर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली बुधवार की शाम तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के साथ फ्लड लाइट में प्रैक्टिस करते नजर आये। शुक्रवार से शुरु होने वाले टेस्ट मैच में लाल की जगह पिंक बॉल से खेला जाएगा। भारत अपना पहला पिंक बॉल डे-नाइट टेस्ट मैच खेल रहा है, इसलिये कप्तान कोहली समेत सभी भारतीय खिलाड़ी इन नई परिस्थितियों के साथ घुल-मिल जाना चाहते हैं ताकि मैच के दौरान ज्यादा परेशानी न झेलनी पड़ी।

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विशेषज्ञों का कहना है कि डे-नाइट टेस्ट मैच के दौरान जब शाम को फ्लड लाइट चालू हो जाती है तो बल्लेबाज को ट्विलाइट जोन का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान बल्लेबाजों को गेंद का रंग बदला-बदला नजर आता है।

चेतेश्वर पुजारा ने बताया क्या समस्या आ सकती है

चेतेश्वर पुजारा ने बताया क्या समस्या आ सकती है

चेतेश्वर पुजारा ने भी इसको लेकर बात कही थी, चेतेश्वर पुजारा के अनुसार जब डे-नाइट प्रारूप में दलीप ट्रॉफी खेली गई थी तब पिंक बॉल फ्लड लाइट के दौरान नारंगी रंग की दिखाई पड़ रही थी।

रंग समझने में अश्विन को भी होती है परेशानी

रंग समझने में अश्विन को भी होती है परेशानी

वहीं ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का मानना है कि पिंक बॉल पर लाल बॉल की तुलना में एक सतह ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने गुलाबी गेंद से अभी तक एक भी गेंद नहीं फेंकी है। बस देखा है। कई बार मैं समझ नहीं पाता हूं कि यह नारंगी है या गुलाबी।

वहीं भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा का मानना है कि डे-नाइट टेस्ट मैच के दौरान विकेटकीपिंग के लिए विकेटकीपरों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।

रिद्धीमान ने बताया कैसे मिलती है विकेटकीपिंग में चुनौती

रिद्धीमान ने बताया कैसे मिलती है विकेटकीपिंग में चुनौती

साहा ने कहा, ' अगर डे-नाइट टेस्ट मैच में शाम के वक्त स्लिप में खड़े खिलाड़ी को पिंक बॉल पकड़ने में मुश्किल आ सकती है तो यह मेरे लिए भी चुनौती ही होगी क्योंकि मैं भी स्लिप के साथ ही खड़ा होता हूं। इसके अलावा तेज गेंदबाज जब गेंद फेंकते हैं तो यह गेंद लहराती है। यह एक फैक्टर हो सकता है, लेकिन मुझे चुनौती स्वीकार है। हम प्रोफेशनल हैं।'

उन्होंने कहा, 'यह चुनौतीपूर्ण होगा, खासकर गेंद को पकड़ते समय। हमें इससे तालमेल बिठाना होगा। गेंद नई है और यह तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित हो सकती है। यह बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।'

भारतीय खिलाड़ियों में साहा और मोहम्मद शमी को ही घरेलू क्रिकेट में दिन-रात मैच खेलने का अनुभव है। दोनों खिलाड़ी 2016 में ईडन गार्डन्स में सीएबी के सुपर लीग फाइनल में दिन-रात क्रिकेट खेल चुके हैं। भारत ने इंदौर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में बांग्लादेश को तीन दिन में ही हरा दिया था। टीम इसके बाद इंदौर में ही रुकी रही और गुलाबी गेंद से अभ्यास किया।

Story first published: Friday, November 22, 2019, 8:01 [IST]
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