जब शेन वार्न ने स्टीव वॉ पर लगाया गंभीर आरोप
ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट राष्ट्रीय खेल है, इस कारण भारत के बाद अगर कोई देश हैं जहां क्रिकेट को किसी धर्म के तौर पर देखा जाता है तो वह ऑस्ट्रेलिया है। यही कारण है कि 5 बार विश्व कप विजेता इस टीम ने क्रिकेट इतिहास में कई दिग्गज खिलाड़ी दिये हैं। इन्हीं में से दो महान खिलाड़ी स्टीव वॉ और शेन वार्न कई सालों तक मैदान पर एक साथ खेलते नजर आये हैं। स्टीव वॉ की कप्तानी में शेन वॉर्न ने कई सालों तक क्रिकेट खेला। साथ खेलने के बावजूद इन दोनों खिलाड़ियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं था।
रिटायरमेंट के बाद शेन वॉर्न ने अपनी आत्मकथा 'द स्पिन' में बड़ा खुलासा करते हुए पूर्व कप्तान स्टीव वॉ को स्वार्थी बताया। अपनी आत्मकथा में वॉर्न ने स्टीव वॉ पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा कि वह अपने करियर में बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 50 की बल्लेबाजी औसत को बरकरार रखने के लिये खेलते थे। उल्लेखनीय है कि साल 1999 में जब ऑस्ट्रेलिया की टीम वेस्टइंडीज दौरे पर जा रही थी तो स्टीव वॉ ने शेन वार्न को टीम से ड्रॉप किया था और इसी घटना को आधार बनाते हुए वॉर्न ने स्टीव वॉ को स्वार्थी बताया।
जब शाहिद अफरीदी के खुलासों पर इमरान फरहत ने बताया स्वार्थ
इस फेहरिस्त में शामिल होने वाले खिलाड़ियों में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी का भी नाम है जो कि अक्सर विवादों के साथ खुद का नाता कहीं न कहीं से ढूंढ ही लेते हैं। ऐसे ही कई सारे विवादों को शाहिद अफरीदी ने रिटायरमेंट के बाद अपनी किताब 'गेम चेंजर' के पब्लिश करने के साथ दिया। इस किताब में शाहिद अफरीदी ने अपनी टीम को लेकर कई सारे खुलासे किये और कई गंभीर आरोप लगाये।
अफरीदी के खुलासों पर जहां क्रिकेट जगत में तहलका मचा वहीं उनके पूर्व साथी और पाकिस्तान टीम के सलामी बल्लेबाज इमरान फरहत ने अफरीदी को स्वार्थी बताते हुए कहा कि यह सब उन्होंने अपने निजी फायदे के लिये लिखा है।
उन्होंने कहा,' अफरीदी ने जो भी लिखा है उसे सच नहीं मान सकते, इसकी सच्चाई टीम में रहने वाले साथी खिलाड़ी ही बता सकते हैं। मैं कहता हूं वो आगे आयें और सच बोलें क्योंकि अफरीदी ने जो किया है उससे पाकिस्तान क्रिकेट को नष्ट किया है। ये उन्होंने अपने स्वार्थ के लिए किया।'
जब पीटरसन ने कुक को बताया डरपोक और स्वार्थी
इस फेहरिस्त में इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज और पूर्व कप्तान एलिस्टर कुक और केविन पीटरसन का भी नाम शामिल है। इन दोनों ही खिलाड़ियों ने इंग्लैंंड का नेतृत्व करते हुए कई बार शानदार खेल दिखाया। इस दौरान पीटरसन अक्सर विवादों में रहे। लेकिन उनके बयानों पर बड़ा विवाद तब हुआ जब उन्होंने साल 2014 में तत्काली कप्तान एलिस्टर कुक को डरपोक बतात हुए स्वार्थी करार दिया था।
पीटरसन ने एलिस्टर कुक को डरपोक बताते हुए कहा था कि मुझे लगता है कि वो स्वार्थी कप्तान हैं जो विश्व कप जीतने के बारे में सकारात्मक बातें नहीं कर रहे हैं।
सिर्फ शतक बनाने के लिये खेलते हैं सचिन तेंदुलकर
इस फेहरिस्त में भारतीय क्रिकेट के दो महान खिलाड़ी कपिल देव और सचिन तेंदुलकर का भी नाम है। 1983 में भारतीय टीम को पहला विश्व कप जिताने वाले कपिल देव ने अगली पीढ़ी को बेहतर क्रिकेटर्स बनाने में बड़ा योगदान दिया है जबकि सचिन तेंदुलकर ने अपने 26 साल के करियर के दौरान काफी कुछ दिया और दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में से एक बने। आज भले ही सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान माना जाता है लेकिन एक वक्त पूर्व कप्तान कपिल देव ने उनके बारे में ऐसा बयान दिया था जिसने हर किसी को हैरान कर दिया था।
कपिल देव ने कई मौकों पर सचिन तेंदुलकर को स्वार्थी बताते हुए अपने शतक के लिये खेलने वाला खिलाड़ी बताया। उन्होंने कहा कि वह शतक बनाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। उल्लेखनीय है कि सचिन ने अपने करियर में कुल 100 अंतर्राष्ट्रीय शतक जड़े हैं।
अपने हित के लिये खेलते हैं एमएस धोनी
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान रहे हैं। महेन्द्र सिंह धोनी ने अपने करियर में बल्लेबाजी के रूप में भी खास स्थान हासिल किया है। धोनी ने वैसे जो योगदान एक कप्तान और खिलाड़ी के रूप में दिया है उससे तो किसी को कोई शक नहीं हैं लेकिन गंभीर को अक्सर ही कुछ ना कुछ अनबन होती रहती थी।
गौतम गंभीर और महेन्द्र सिंह धोनी के बीच बनती नहीं थी ये हर कोई जानता था। इसी बीच साल 2012 में गौतम गंभीर ने महेन्द्र सिंह धोनी पर बड़ा आरोप लगाया कि वो टीम के हित में खेलने की बजाय अपने खुद के खेल पर ध्यान देते हैं। ऐसा आरोप लगाने का बाद भी धोनी ने अपनी तरफ से कोई कमेंट नहीं किया।