महमूद हुसैन (Mahmood Hussain)
इस फेहरिस्त में दूसरा नाम पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज महमूद हुसैन का है जिन्हें भारत के खिलाफ दौरे पर पर खास पहचान मिली। आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 1952-53 में पहली टेस्ट सीरीज खेली गई थी जिसमें महमूद हुसैन ने शानदार प्रदर्शन किया था। लखनऊ में खेले गये दूसरे टेस्ट मैच में महमूद ने 4 विकेट हासिल किये थे और पाकिस्तान की टीम को 43 रनों से जीत दिलाई थी। महमूद ने 1954 में इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में खेले गये मैच में टीम को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी।
इसके बाद वो पाकिस्तान के लिये काफी सालों तक खेलते रहे और पाकिस्तान के लिये 27 टेस्ट मैचों में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने 5910 गेंदे फेंकी और 68 विकेट हासिल किये। हालांकि इस दौरान सबसे खास बात रही कि उन्होंने कभी भी खुद की गेंद पर छक्का नहीं लगने दिया।
मुदस्सर नजर (Mudassar Nazar)
इस फेहरिस्त में तीसरा नाम पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मुदस्सर नजर का है जिन्होंने पाकिस्तान के लिये लंबा करियर बिताया। मुदस्सर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद नजर के बेटे थे जिन्होंने 1976 से लेकर 1989 तक अपना योगदान दिया। मुदस्सर नजर ने पाकिस्तान के लिये 76 टेस्ट और 122 वनडे मैचों में शिरकत की और इस दौरान 5987 गेंदे फेंकी। मुदस्सर ने अपने करियर के दौरान 66 विकेट हासिल किये और कभी भी अपनी गेंद पर छक्का नहीं लगने दिया।
नील हेवक (Neil Hawke)
इस फेहरिस्त में चौथा नाम ऑस्ट्रेलिया के नील हेवक का है जिन्होंने फर्स्ट क्लास करियर में शानदार गेंदबाजी करने के बाद साल 1963 में अपने करियर का आगाज किया था। नील हेवक ने ऑस्ट्रेलिया के लिये 27 टेस्ट मैचों में शिरकत की और 6987 गेंदे फेंककर 91 विकेट हासिल किये। नील हेवक को उनके फैन्स हॉक आई के नाम से पुकारते थे। नील हेवक ने ऑस्ट्रेलिया के लिये 145 फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेले।
कीथ मिलर (Keith Miller)
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के लिए पूर्व गेंदबाज कीथ मिलर को एक बहुत ही बढ़िया गेंदबाज माना जाता था। कीथ मिलर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए साल 1946 में न्यूजीलैंड के खिलाफ डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने एक ऑलराउंडर के रूप में बढ़िया प्रदर्शन किया।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 55 टेस्ट मैच खेले। कीथ ने इस दौरान 170 विकेट हासिल किए। इसके अलावा उन्होंने अपने करियर में 10,461 गेंदें डाली। लेकिन सबसे खास बात ये रही कि उन्होंने कभी टेस्ट क्रिकेट में किसी बल्लेबाज को छक्का नहीं लगने दिया।