सबसे ज्यादा वनडे मैच खेलने का रिकॉर्ड
भारतीय क्रिकेट टीम के महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंदुलकर के नाम सबसे ज्यादा एकदिवसीय मैच खेलने का रिकॉर्ड हैं। उन्होंने अपने करियर के दौरान सबसे ज्यादा 456 वनडे मैच खेले हैं। सचिन तेंदुलकर ने 16 साल की उम्र में डेब्यू किया और 22 सालों तक क्रिकेट खेले। यहां तक कि श्रीलंका के दिग्गज खिलाड़ी सनय जयसूर्या जिन्होंने सचिन तेंदुलकर की ही तरह 22 साल क्रिकेट खेला लेकिन सिर्फ 445 मैच ही खेल सके।
विराट कोहली के मौजूदा करियर को देखते यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके लिये इस रिकॉर्ड को तोड़ पाना लगभग नामुमकिन है। विराट कोहली ने अपना 31वां जन्मदिन नवंबर में मनाया और अब तक वह सिर्फ 248 वनडे मैच ही खेल सके हैं। अगर वह अगले 7-8 साल तक लगातार खेलते रहते हैं तो भी सचिन तेंदुलकर का यह रिकॉर्ड ऐसे ही कायम रहेगा।
सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने का रिकॉर्ड
सचिन तेंदुलकर ने साल 1989 में दुनिया के सबसे बेहतरीन बॉलिंग अटैक के सामने अपना डेब्यू किया था जिसमें वसीम अकरम, वकार यूनिस, इमरान खान और अब्दुल कादिर जैसे गेंदबाज शामिल थे। उस वक्त शायद ही किसी ने यह सोचा था कि यह खिलाड़ी अपने करियर में 200 टेस्ट मैच खेलने वाला है। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैच खेलने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम है जिन्होंने 200 मैच खेले थे जबकि इस लिस्ट में 168 मैचों के साथ रिकी पोंटिंग और स्टीव वॉ दूसरे नंबर पर काबिज हैं।
इसमें कोई शक नहीं कि विराट कोहली मौजूदा दौर के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं लेकिन यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे विराट कोहली कभी नहीं तोड़ पायेंगे। विराट कोहली ने अपनी 31 साल की उम्र में अब तक सिर्फ 86 टेस्ट मैच खेले हैं और मौजूदा समय में टेस्ट मैचों की संख्या को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसके भी बहुत कम चांस हैं कि वो मौजूदा मैचों की संख्या को दोगुना कर पायें रिकॉर्ड तोड़ना तो बहुत टेढ़ी खीर है।
टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड
अगर आप गूगल पर सर्च करें गॉड ऑफ क्रिकेट तो एक ही नाम सामने आयेगा और वो है सचिन तेंदुलकर का, ऐसा इसलिये नहीं क्योंकि गूगल से उनकी कोई साठ गांठ है। ऐसा इसलिये है क्योंकि क्रिकेट में अगर किसी के नाम रिकॉर्डों का भंडार है तो वह है सचिन तेंदुलकर। इन्हीं में से एक रिकॉर्ड है टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड।
इस लिस्ट में सचिन तेंदुलकर 15921 रनों के साथ सबसे ऊपर काबिज हैं, जबकि उनके सबसे करीब कोई आ सका तो वो थे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग जिन्होंने करियर के दौरान 13378 टेस्ट रन बनाये थे लेकिन वह भी 2543 रनों से पीछे रह गये थे। वहीं विराट कोहली की बात करें तो वह 86 मैचों में 7240 रन ही बना सके हैं। ऐसे में उनके बचे हुए करियर और टेस्ट मैचों की संख्या को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि सचिन तेंदुलकर के इस रिकॉर्ड को भी विराट कोहली अटूट ही छोड़ने वाले हैं।
टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा बाउंड्रीज लगाने का रिकॉर्ड
1983 में पहला विश्व कप जीतने के बाद भारत में भले ही क्रिकेट काफी मशहूर हो चुका था लेकिन यह सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी ही थी जिससे पूरे हिंदुस्तान को क्रिकेट से प्यार हुआ। अपने करियर में सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले और सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम इस प्रारूप में सबसे ज्यादा बाउंड्रीज लगाने का भी रिकॉर्ड है। जिसे विराट कोहली के लिये तोड़ पाना लगभग नामुमकिन ही है।
सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर के दौरान 2127 बाउंड्रीज लगाई जिसमें 2058 चौके और 69 छक्के शामिल रहे। वहीं विराट कोहली ने अब तक के करियर में 811 चौके और सिर्फ 22 छक्कों के साथ कुल 833 बाउंड्रीज लगाई हैं। उनके बचे हुए करियर और साल भर में होने वाले टेस्ट मैचों की संख्या को देखते हुए 1294 बाउंड्रीज के गैप को भर पाना नामुमकिन लगता है।
सबसे ज्यादा विश्व कप खेलने का रिकॉर्ड
अपने देश के लिये अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलना खुद में बड़ी बात होती है लेकिन अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व कप खेलने का मजा ही कुछ और होता है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के दौरान सबसे ज्यादा विश्व कप खेलने का रिकॉर्ड बनाया। वह सबसे ज्यादा बार विश्व कप खेलने के मामले में पाकिस्तान के जावेद मियांदाद के साथ पहले नंबर काबिज हैं। उन्होंने अपने करियर में 6 बार भारत के लिये विश्व कप खेला।
अपने डेब्यू के बाद सचिन तेंदुलकर ने पहली बार 1992 विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और साल 1996,1999,2003,2007 और 2011 तक विश्व कप खेले जब भारत ने अपना दूसरा विश्व कप हासिल किया।
वहीं विराट कोहली की बात करें तो उन्होंने 2011 में पहला विश्व कप खेला और 2015 में ऑस्ट्रेलिया और 2019 में इंग्लैंड में भारत के लिये विश्व कप खेल चुके हैं। मौजूदा करियर को ध्यान में रखें तो विराट कोहली 38 की उम्र तक 2027 में अपना 5वां विश्व कप खेलेंगे। ऐसे में उनका छठा विश्व कप (2031) खेल पाना नामुमकिन सा लगता है और अगर वह खेल भी जाते हैं तो फिर सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ नहीं पायेंगे।