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Cricket : इतिहास के 5 सबसे खराब DRS फैसले, जानिए कोहली का कैसे उड़ा था मजाक

नई दिल्ली। क्रिकेट के मैदान पर हर छोटे फैसले का अपना महत्व होता है। कई बार मैदान पर अंपायर से हो गई छोटी गलती के चलते मैच का नतीजा पलट जाता है। क्रिकेट में इन गलतियों को कम करने के लिये डिसिजन रिव्यू सिस्टम की शुरुआत की गई थी। सीमित ओवर्स क्रिकेट में हर टीम के पास 2 डीआरएस होते हैं, जिसे वह एक गेंदबाजी के दौरान और एक बल्लेबाजी के दौरान इस्तेमाल कर सकते हैं। जबकि टेस्ट क्रिकेट में यह प्रत्येक पारी में 2-2 उपलब्ध होते हैं।

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डीआरएस का इस्तेमाल अंपायर के फैसले के खिलाफ अपील करने में होता है और खिलाड़ी इसका इस्तेमाल कर अपनी विकेट को बचा सकते हैं। हालांकि कई बार देखा गया है कि खिलाड़ी गलत फैसला कर बैठते हैं और डीआरएस गंवा देते हैं। आइये क्रिकेट इतिहास के उन 5 सबसे खराब डीआरएस फैसलों के बारे में बात करेंगे जब डीआरएस लेने की वजह से खिलाड़ियों का मजाक बन गया था।

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सौम्य सरकार (Saumya Sarkar)

सौम्य सरकार (Saumya Sarkar)

क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब फैसलों में पहला नाम बांग्लादेश क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज सौम्य सरकार का नाम भी शामिल है। बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच गाले में मैच खेला जा रहा था, जहां पर पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका की टीम ने बांग्लादेश के सामने 457 रनों का लक्ष्य रखा था। रनों का पीछा करते हुए सौम्य सरकार 48 गेंद में 53 रन बनाकर खेल रहे थे तभी असेला गुणारत्ने ने सौम्य सरकार को बोल्ड कर दिया। हालांकि सरकार को लगा कि उन्हें कैच आउट दिया गया है, इस पर उन्होंने बिना सोचे समझे डीआरएस लेने का फैसला किया।

डीआरएस में साफ हो गया कि सरकार बोल्ड हुए हैं जिसे देखने के बाद सौम्य सरकार वापस पवेलियन लौट गये।

केन विलियिमसन (Kane Williamson)

केन विलियिमसन (Kane Williamson)

इस फेहरिस्त में दूसरा नाम न्यूजीलैंड टीम के कप्तान केन विलियमसन का आता है। केन विलियमसन एक अच्छे बल्लेबाज के साथ-साथ शानदार कप्तान भी रहे हैं। हालांकि डीआरएस के मामले में उनका हाल बेहाल है। पाकिस्तान के खिलाफ हैमिल्टन में खेले जा रहे टेस्ट मैच के दौरान ऐसा ही एक डीआरएस फैसला केन विलियमसन ने लिया। मैट हैनरी की गेंदबाजी में एक विकेट की अपील को लेकर केन विलियनसन ने जोरदार शोर मचाया, हालांकि अंपायर इस बात से सहमत नहीं हुए। विलियमसन ने डीआरएस लिया, जिससे साफ हो गया कि गेंद अजहर अली के ग्लव्स से काफी दूर थी और डीआरएस बेकार हो गया।

मिस्बाह उल हक (Misbah Ul Haq)

मिस्बाह उल हक (Misbah Ul Haq)

साल 2016 में जब पाकिस्तान की टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी तो पहला मैच मेलबर्न की सरजमीं पर खेला गया था। बॉक्सिंग डे पर खेले गये इस मैच में पाकिस्तान की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 443 रन बनाये। जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर और मैट हेनरी बल्लेबाजी करने उतरे। मोहम्मद आमिर गेंदबाजी कर रहे थे। अपने स्पैल के 5वें ओवर में आमिर ने वॉर्नर को बीट किया, हालांकि उन्हें लगा कि गेंद बल्ले का किनारा लेकर पहुंची है।

पारी के दौरान उस समय मैच में कॉमेंट्री कर रहे कॉमेंटेटर ने कहा कि मैं दावे से कह सकता हूं कि गेंद डेविड वॉर्नर के बल्ले को नहीं लगी है और साफ तौर पर वह नॉटआउट हैं। मगर सरफराज व स्लिप के खिलाड़ियों ने कप्तान मिस्बाह उल हक को रिव्यू लेने के लिए मजबूर किया। जबकि रिव्यू लेने के बाद साफ हो गया कि गेंद बल्ले से काफी दूर थी।

मुशफिकुर रहीम (Mushfiqur Rahim)

मुशफिकुर रहीम (Mushfiqur Rahim)

बांग्लादेश क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज साल 2017 में हैदराबाद के खिलाफ मैच खेलने आये थे। विराट कोहली लगातार अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे तभी तइजुल इस्लाम की एक साधारण गेंद पर एक नॉर्मल डिलिवरी विराट कोहली के सामने वाले पैर पर आकर लगी। तइजुल को लगा कि गेंद विराट कोहली के बल्ले के बजाय पैड पर लगी है और उन्होंने जोर से अपील की। अंपायर ने अपील को नकारा लेकिन मुश्फिकुर रहीम ने डीआरएस का इस्तेमाल किया। इस पर विराट कोहली ने मुस्कुराते हुए देखा कि यह किस बात के लिये रिव्यू ले रहा है। हालांकि रिव्यू में साफ देखा गया कि गेंद बल्ले से लगकर गई थी।

विराट कोहली (Virat Kohli)

विराट कोहली (Virat Kohli)

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भले ही शानदार बल्लेबाज हैं लेकिन अपने डीआरएस फैसलों को लेकर वह अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। यूं तो जब मैदान पर धोनी होते हैं तो वह उनकी मदद लेते हैं लेकिन उनकी गैर-मौजूदगी में कोहली के फैसले उनका मजाक बना देते हैं। साल 2016 में जब इंग्लैंड क्रिकेट टीम में भारत दौरे पर आई थी, तब विराट कोहली ने एक अजीब सा डीआरएस फैसला लिया था जिसकी वजह से उनका मजाक बन गया था।

राजकोट में खेले गये इस टेस्ट मैच में एलिस्टर कुक शतक बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे तभी उमेश यादव ने एक रफ्तार भरी गेंद फेंकी और गेंद विकेटकीपर-बल्लेबाज रिद्धीमान साहा के दस्तानों में पहुंच गई। उमेश यादव की अपील के बाद विराट कोहली ने डीआरएस का फैसला लिया। हालांकि रिप्ले में साफ देखा कि गेंद व बल्ले के बीच काफी फासला था और अंपायर ने नॉट आउट करार दिया। विराट कोहली के इस डीआरएस फैसले को लेकर काफी मजाक बना था।

Story first published: Wednesday, May 6, 2020, 14:31 [IST]
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