हम पहले ही कर चुके थे चर्चा
बीसीसीआई चयनकर्ताओं ने महसूस किया कि सफेद गेंद वाले क्रिकेट में दो अलग-अलग कप्तानों की जरूरी नहीं है, इसलिए रोहित को नियुक्त किया गया। इस मामले पर बोलते हुए, पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा कि फैसला होना तय था। कमेंटेटर ने यह भी बताया कि बीसीसीआई ने सीमित ओवरों के क्रिकेट और टेस्ट मैचों के बीच अंतर किया। चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "हम पहले ही चर्चा कर चुके थे कि ऐसा होना तय है। जिस दिन विराट कोहली ने T20I कप्तानी छोड़ी, उसके बाद यह भी तय हो गया था कि वह अपनी वनडे कप्तानी भी बहुत जल्द खो देंगे। जाहिर तौर पर ODI में भी वही कप्तानी करेगा जो टी20आई में कर रहा होगा।"
सफेद और लाल गेंद वाले क्रिकेट में अंतर हुआ तय
क्रिकेटर से कमेंटेटर बने चोपड़ा ने यह भी कहा कि आपके पास टेस्ट और वनडे के लिए कोई एक खिलाड़ी कप्तानी नहीं कर सकता है। ना ही कोई अकेला टी20 में कप्तानी कर सकता है। उन्होंने कहा, "दुनिया भर में ऐसा कभी नहीं हुआ कि टेस्ट की कप्तानी करने वाला वनडे की कप्तानी भी करे और टी20 की कप्तान ना करे। ना कि कोई एक खिलाड़ी सिर्फ टेस्ट कप्तान और टी20 कप्तान रह सकता है, क्योंकि फिर सिर्फ वनडे के लिए दूसरे को चुनना मुश्किल रहेगा। अंतर हमेशा सफेद गेंद वाले क्रिकेट और लाल गेंद वाले क्रिकेट के बारे में होता है और यह अंतर तय हो गया है।"
रोहित भाग्यशाली कप्तान है
कप्तान के रूप में रोहित की नियुक्ति के बारे में बोलते हुए चोपड़ा ने चुटकी ली। उन्होंने कहा, "वह सामरिक रूप से बहुत अच्छे हैं। टाॅस के समय सिक्का उसके पक्ष में गिरेगा। वह एक भाग्यशाली कप्तान है।" इस बीच, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने खुलासा किया कि कोहली से T20I कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि रोहित को लेकर लिया फैसला अहम है जिसे बीसीसीआई और चयनकर्ताओं ने एक साथ लिया। दरअसल, बीसीसीआई ने विराट से T20I कप्तान का पद न छोड़ने का अनुरोध किया था, लेकिन जाहिर है, वह नहीं माने। और तब चयनकर्ताओं ने सफेद गेंद के दो प्रारूपों के लिए दो अलग-अलग कप्तानों को रखना सही नहीं समझा। बता दें कि कोहली की कप्तानी में भारत ने कई बड़ी जीतें दर्ज कीं, लेकिन कोई आईसीसी ट्राॅफी भारत नहीं जीत पाया। वहीं रोहित ने मुंबई इंडियंस को 5 बार आईपीएल में चैंपियन बनाया, जिसके कारण रोहित को सीमित ओवरों का कप्तान बनाने की मांगे लंबे समय से उठ रहीं थी जो अब पूरी हो चुकी है।