नई दिल्ली। भारत के रवींद्र जडेजा आज भारत के सबसे मूल्यवान खिलाड़ी बन गए हैं। उनके पास मुश्किल समय में विकेट चटकाने, निचले क्रम में आसानी से रन बनाने और मैदान में शानदार फील्डिंग करने की क्षमता है जिससे वह तीनों फाॅर्मेट के खतरनाक खिलाड़ी के रूप में उभरे। जडेजा हार्दिक पांड्या को पछाड़कर भारत के नंबर एक ऑलराउंडर बन गए हैं। हालांकि एक समय ऐसा भी था जब जडेजा का करियर खतरे पर था। इंग्लैंड दौरे से करीब 18 महीने पहले जडेजा लगातार टीम से अंदर-बाहर होते रहे। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने जडेजा के करियर के उतार-चढ़ाव को देखा और बताया कि कैसे भारत का यह ऑलराउंडर भारतीय टीम के सबसे ताकतवर खिलाड़ियों में से एक बन गया।
चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "सर रवींद्र जडेजा, कोई नहीं जानता था कि जड्डू यहां तक पहुंचेंगे। वास्तव में, उनके पास बहुत कम चांस थे, उन्हें आईपीएल से प्रतिबंधित कर दिया गया था। यह 2010 में था क्योंकि वह उस समय आईपीएल के नियमों के बाहर एक अनुबंध पर बातचीत कर रहे थे। बाद में, वह एकदिवसीय और टी20 आई में भी नहीं चुने जा रहे थे, जब कुलदीव व चहल खेल रहे थे और वह टेस्ट में अश्विन के पीछे थे। इसलिए कुल मिलाकर करियर चलता था और फिर रुक जाता था। लेकिन जड्डू के असली रंग सामने आने में समय लगा।"
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जडेजा के सबसे बड़े प्लस में से एक उनकी बल्लेबाजी में जबरदस्त सुधार रहा है और चोपड़ा ने 2018 के दौरे के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ ऑलराउंडर के अर्धशतक को अपने करियर का 'टर्निंग पॉइंट' बताया। जडेजा को सीरीज के पहले चार टेस्ट से बाहर कर दिया गया था, लेकिन जब उन्हें द ओवल में मौका दिया गया, तो ऑलराउंडर ने निराश नहीं किया। जडेजा ने 4/79 के सर्वश्रेष्ठ के साथ सात विकेट चटकाए और भारत की पहली पारी में नाबाद 86 रन बनाए।
चोपड़ा ने कगा, "जडेजा को वापसी करने के लिए इंग्लैंड के खिलाफ माैका मिला। उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ पांचवां टेस्ट था जहां उन्होंने नाबाद 86 रन बनाए। इसके बाद उन्हें आत्मविश्वास मिला और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह जहां भी जाता है, रन बनाता है और विकेट लेता है। वह एक मैच विजेता रहा है और वह सब कुछ कर रहा है जो आपने उसे करने के लिए कहा है, चाहे आप एकदिवसीय, टी 20 आई या टेस्ट के बारे में बात करें। उसकी बल्लेबाजी में सुधार हुआ है और फील्डिंग बिल्कुल कमाल की है। "