नई दिल्ली। क्रिकेट जैसे चर्चित खेल में जिस तरह की मैच फिक्सिंग होती है, वह कलंकित होने जैसा है। मैच फिक्स करने से खिलाड़ी का पूरा करियर खत्म हो जाता है। भारत में कुछ ऐसे क्रिकेटर हुए हैं जो अगर फिक्सिंग नहीं करते तो आगे जाकर भारतीय क्रिकेट का भविष्य कहलाते। एक खिलाड़ी ऐसा भी है जो अगर मैच फिक्सिंग जैसा कुछ नहीं करता तो अब भारतीय टीम में रवींद्र जडेजा के लिए वैकल्पिक ऑलराउंडर बन जाता।
31 वर्षीय ऑलराउंडर अबरार काजी, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में कर्नाटक के लिए अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। उन्होंने 2011 में घरेलू क्रिकेट में पदार्पण किया था। तब से अबरार काजी ने 17 प्रथम श्रेणी मैच, 35 लिस्ट ए मैच और आठ टी20 मैच खेले हैं। उन्होंने इन मैचों में बल्लेबाजी और गेंदबाजी में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। अपने प्रदर्शन के लिहाज से उन्होंने 17 प्रथम श्रेणी मैचों में 21.76 की औसत से 48 विकेट लिए हैं। उन्होंने 1136 रन भी बनाए हैं। उन्होंने लिस्ट ए मैचों में 47 विकेट भी लिए हैं और 437 रन बनाए हैं।
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अपने करियर के चरम पर अबरार काजी ने पैसों के लिए मैच फिक्सिंग जैसे काम किए। जिसने उनके करियर में एक अलग मोड़ ले लिया। पैसे के बहकावे में न आए होते तो वह रवींद्र जडेजा को वर्तमान में ही पीछे छोड़ देते। हुआ यूं कि केपीएल (कर्नाटक प्रीमियर लीग) 2019 के फाइनल मुकाबले में बेल्लारी टस्कर्स और हुबली टाइगर्स आमने-सामने थे। अबरार काजी और सीएम गौतम को मैच फिक्स करने के लिए 20-20 लाख रुपए की पेशकश की गई थी। हालांकि, मामला सामने आने के बाद इन दोनों को क्राइम ब्रांच ने 7 नवंबर 2019 को गिरफ्तार कर लिया था।
रणजी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन
अबरार काजी ने 2018 रणजी ट्रॉफी में अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी से सभी को हैरान कर दिया था। नागालैंड की टीम के लिए खेलते हुए उनके पास बेहतरीन गेंदबाजी और बल्लेबाजी थी। उन्होंने 8 मैचों में 74.00 की औसत से 814 रन बनाए थे। उन्होंने गेंदबाजी करते हुए 34 विकेट भी लिए।