नंबर-3 की भूमिका
क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में नंबर-3 के बल्लेबाज को टीम की रीढ़ माना जाता है और जब बात टेस्ट क्रिकेट की हो तो इस नंबर पर खेलने वाले बल्लेबाज की भूमिका और भी अहम हो जाती है। भारतीय टीम के लिए सालों तक नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने वाले राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट में कई ऐसी पारियां खेली हैं जो भारतीय टीम के टेस्ट की बेस्ट पारियों में शामिल है और जिसके लिए उन्हें "THE WALL" कहा जाने लगा। टेस्ट से संन्यास के बाद पुजारा को इनका रिप्लेसमेंट कहा जाने लगा और उन्हें 'नई दीवार' की संज्ञा तक दी गई लेकिन विदेशी दौरे पर कुछ खास नहीं करने पर उनके साख पर सवाल उठने लगा। एडिलेड टेस्ट में जब इन्होंने 194 रनों की पारी खेलकर भारत के ऐतिहासिक जीत में बड़ी भूमिका निभाई तो उनके और द्रविड़ के बीच एक और संयोग सामने आ गया, इसे संयोग कहें या कुछ और लेकिन इन दो बल्लेबाजों की उपलब्धियों में कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं जो किसी भी क्रिकेट प्रशंसक को हैरान कर सकते हैं।
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15 साल पहले द्रविड़ ने रचा था इतिहास
15 साल पहले टीम इंडिया को एडिलेड में ऐतिहासिक जीत मिली थी जिसके सूत्रधार थे टेस्ट क्रिकेट के लीजेंड राहुल द्रविड़। मौजूदा टेस्ट में भारतीय टीम ने दौरे की शुरुआत जीत से की है और उसके हीरो रहे चेतेश्वर पुजारा। राहुल द्रविड़ ने भी नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी वहीं पुजारा ने भी इसी नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम को यह उपलब्धि हासिल करने में बड़ी भूमिका निभाई। 2003 में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 556 रन बनाए थे जिसके जवाब में द्रविड़ की पहली पारी में 233 रनों की मैराथन पारी और दूसरी पारी में 72 रनों की नाबाद पारी से जीत मिली थी। टीम इंडिया ने यह मैच 4 विकेट से जीता था और यह जीत भारतीय टेस्ट टीम के लिए स्पेशल जीत में शामिल है।
एडिलेड का नंबर-3 से खास कनेक्शन
15 साल बाद टीम इंडिया ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई तो इन्हें सीरीज जीत का प्रबल दावेदार बताया गया। पिछले दो सालों में यह पहला मौका है जब भारतीय टीम विराट कोहली के पचासा नहीं बनाने के बावजूद कोई टेस्ट मैच जीता है। भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर में पुजारा और रहाणे ने दूसरी पारी में बेमिसाल पारी खेल भारतीय टीम के सीरीज जीत की उम्मीदों की लौ को हवा दे दी है। इस मैच और 15 साल पहले मिली जीत में जो बात सबसे कॉमन है वो है द्रविड़ और पुजारा के नंबर-3 पर हासिल की गई उपलब्धियां।
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दो दिग्गजों ने खेली कमाल की पारी
एडिलेड की ऐतिहासिक जीत में राहुल द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए पहली पारी में 16वां शतक जड़ा और दूसरी पारी में नाबाद अर्धशतक के दम पर भारत को जीत दिलाई वहीं मौजूदा श्रृंखला में पुजारा ने भी पहली पारी में अपने टेस्ट करियर का 16वां शतक और दूसरी पारी में अर्धशतकीय पारी खेली। इन दोनों बल्लेबाजों ने टीम के लिए कठिन परिस्थितियों में यह उपलब्धि हासिल की और दोनों खिलाड़ियों को अपने-अपने मैच में मैन ऑफ द मैच के अवार्ड से नवाजा गया था। राहुल द्रविड़ ने एडिलेड टेस्ट (साल 2003) में पहली पारी में 233 और दूसरी पारी में 72 रनों की नाबाद पारी खेली थी वहीं पुजारा ने पहली पारी में 123 और दूसरी पारी में 71 रनों की पारी खेली।
क्या इसे संयोग ही कहेंगे?
वैसे तो क्रिकेट में किसी भी खिलाड़ी की किसी भी खिलाड़ी से तुलना को उचित नहीं माना जाता है लेकिन राहुल द्रविड़ और पुजारा के बीच एडिलेड टेस्ट में सिर्फ एक नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट इतिहास के कई संयोग जुड़ गए जो महज संयोग नहीं कहे जा सकते हैं। एडिलेड टेस्ट में इन दोनों खिलाड़ियों ने अपने करियर 16वां शतक जड़ा तो वहीं दूसरी ओर 3000, 4000 और 5000 टेस्ट रन भी इन दो दिग्गज खिलाड़ियों ने एक समान पारियों में हासिल किए हैं। टीम इंडिया के लिए एडिलेड एक लकी ग्राउंड साबित हुआ है। विराट और उनकी सेना इस दौरे पर इतिहास रचने के लिए अपना बेस्ट जरूर देगी।
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