जरदान और नबी का तूफान-
इस मैच में पहले अफगानिस्तान की टीम ने पहले खेलते हुए 20 ओवर में 5 विकेट पर 197 रन बना डाले। ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए अफगानिस्तान की तरफ से नजीबुल्लाह जरदान ने 30 गेंदों पर नाबाद 69 रन की तूफानी पारी खेली और अपनी टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में मुख्य भूमिका निभाई। 230 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करने वाले जरदान ने अपनी पारी में 6 छक्के और 5 चौके जड़े। इस मैच में उनका बखूबी साथ अफगानिस्तान के अनुभवी ऑलराउंडर मोहम्मद नबी ने भी निभाया और 18 गेंदों पर 38 रन की पारी खेली।
7 गेंदों पर लगे 7 छक्के-
नबी ने अपनी पारी में 4 छक्के जड़े। इसी दौरान मैच के 17वें और 18वें ओवर में ऐसा भी मौका आया जब जरदान और नबी ने मिलकर लगातार 7 गेंदों पर 7 छक्के जड़ दिए। इस ओवर को फेंकने के लिए तंदई चतारा आए जिनकी तीसरी, चौथी, पांचवी और छठी गेंद पर नबी ने लगातार चार छक्के लगाए। इसके बाद अगला ओवर फेंकने आए नेविले मदजिवा की पहली, दूसरी और तीसरी गेंद पर जरदान ने भी तीन छक्के जड़ दिए। इसके साथ ही इन दोनों बल्लेबाजों ने लगातार 7 गेंदों पर 7 छक्के लगाए जिसके बदौलत दोनों बल्लेबाजों ने 41 गेंदों पर 107 रन की शतकीय साझेदारी की जो मैच के अंत में निर्णायक साबित हुई। बता दें कि युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ स्टूअर्ट ब्रॉड के एक ही ओवर में लगातार 6 छक्के लगाए थे। अफगानिस्तान यह रिकॉर्ड नहीं तोड़ सका है। नजीबुल्लाह जारदान को उनकी बेहतरीन पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
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अफगानिस्तान को मिला दमदार जीत-
जरदान और मोहम्मद नबी के अलावा अफगानिस्तान के लिए रहमान उल्लाह गुरबाज ने 24 गेंदों पर 5 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 43 रनों का उल्लेखनीय योगदान दिया। वहीं जिम्बाब्वे की तरफ से तेंदई चतारा व सीन विलियम्स ने दो-दो जबकि एश्ले ने एक विकेट लिया। बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम निर्धारित ओवर में सात विकेट पर 169 रन ही बना सकी। रेजिस चकाब्वरा ने 22 गेंदों पर 3 चौके और 2 छक्कों की मदद से नाबाद 42 रनों की पारी खेली जबकि अफगानिस्तान के लिए फरीद मलिक और कप्तान राशिद खान ने 2-2 और करीम जनत और गुलबदीन नायब ने 1-1 विकेट लिया।