काबुल: तालिबान के शासन के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के सीईओ हामिद शिनवारी ने शुक्रवार को कहा कि टीम एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ अपनी एक दिवसीय श्रृंखला की तैयारी कर रही है, जो श्रीलंका में दो सप्ताह के अंदर होने वाली है। बयान में साफ किया गया है कि तालिबान के आने से क्रिकेट कार्यक्रम प्रभावित नहीं होगा।
तालिबान के कब्जे के बाद कई लोगों ने आशंका जताई थी कि अब अफगान क्रिकेट का भी अंत हो जाएगा और टी20 वर्ल्ड कप में यह टीम हिस्सा नहीं ले पाएगी, लेकिन जब आईसीसी ने विश्व कप का प्रोग्राम जारी किया तो उसमें अफगानिस्तान के मैच शामिल थे। यहां से फिर ये चर्चा होने लगी कि क्या तालिबान को अफगान क्रिकेट से कोई दिक्कत नहीं है?
इसी पर बात करते हुए शिनवारी ने कहा, "हम पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज खेलेंगे, हम टी20 विश्व कप के लिए भी तैयार हैं।"
श्रीलंका के क्रिकेट बोर्ड ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह अभी भी अफगानिस्तान और पाकिस्तान की तीन मैचों की मेजबानी हंबनटोटा के एक खाली स्टेडियम में करने की उम्मीद कर रहा है।
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एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सीरीज 3 सितंबर से शुरू हो रही है।
इसे संयुक्त अरब अमीरात में स्टेडियमों के बाद श्रीलंका में ट्रांसफर कर दिया गया था - जहां अफगानिस्तान अपने घरेलू मैच खेलते हैं। यूएई इसके बजाय इंडियन प्रीमियर लीग की मेजबानी करने की तैयारी कर रहे थे।
शिनवारी ने कहा, "बीसीसीआई और अन्य बोर्डों के साथ हमारे वास्तव में अच्छे संबंध हैं। आईसीसी भी हमारे संपर्क में है। वे कड़ी नजर रखे हुए हैं। अभी तक, क्रिकेट को लेकर कोई समस्या नहीं है।"
दरअसल तालिबान पहले भी 1990 के दशक में देश के खेल को अपने कंट्रोल में ले चुका है, तब भी अफगानिस्तान में उन्होंने शासन किया था। अपने पहले शासन के दौरान इस्लामी कट्टरपंथी समूह द्वारा खेल को कड़ाई से नियंत्रित किया गया था। तालिबन अक्सर खेल को धार्मिक कर्तव्यों से ध्यान हटाने के रूप में देखता था।
महिलाओं के भाग लेने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
हालांकि, शिनवारी ने कहा कि तालिबान से क्रिकेट को कोई खतरा नहीं दिख रहा है।
उन्होंने कहा, "तालिबान के शासन में क्रिकेट पहले कोई मुद्दा नहीं था और अब यह कोई मुद्दा नहीं होगा। मुझे क्रिकेट को लेकर तालिबान द्वारा की गई कोई घटना याद नहीं है।"
शिनवारी ने कहा कि वह महिला क्रिकेट की स्थिति पर टिप्पणी करने में असमर्थ हैं लेकिन आने वाले हफ्तों में स्थिति स्पष्ट होगी।