दिग्गज खिलाड़ी नहीं समझ पायेगा औसत खिलाड़ी का दर्द
स्टार स्पोर्ट्स के साथ बात करते हुए पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने कहा कि जब एक दिग्गज खिलाड़ी कोच बनता है तो उसे सबसे पहले अपने अतीत को पीछे छोड़ना पड़ता है, वरना वो कभी भी एक औसत खिलाड़ी के संघर्ष को समझ नहीं पायेगा।
उन्होंने कहा,'हो सकता है कि जो खिलाड़ी उच्च स्तर पर खेले हैं वो इस बात को शायद न समझ पाएं कि एक औसत काबिलियत वाला खिलाड़ी किस स्थिति से गुजरता है। कोचिंग की पढ़ाई करते हुए हमें जो बात बताई गई थी वो यह थी कि आपको अपने अतीत को पीछे छोड़ना होता है। आप उस तरह से कोचिंग नहीं कर सकते जिस तरह से आप खेला करते थे।'
माइक हेसन ने कहा पहले हफ्ते में खत्म हो जाता है अपना अनुभव
इससे पहले न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच और आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम के कोच माइक हेसन ने कहा जब आप कोच बनते हैं तो यह आपके खिलाड़ी जीवन से बहुत अलग हो जाता है। कोच बनने के एक हफ्ते के अंदर आपके निजी अनुभव खत्म हो जाते हैं।
क्रिकेट कनेक्टेड शो में बात करते हुए माइक हेसन ने कोच की जिम्मेदारियों के बारे में बात की और कहा, 'जब खिलाड़ी एक बार आपको ऐसा कोच मान लेता है जो उसके अंदर से बेस्ट निकाल सकता है तो वह आपको सम्मान देने लगता है। कुछ कोच को इसे प्राप्त करने में वक्त लगता है।'
युवराज ने उठाये थे विक्रम राठौड़ की काबिलियत पर सवाल
गौरतलब है कि हाल ही में एक लाइव सेशन के दौरान युवराज सिंह ने भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ की काबिलियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपके पास बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर हैं। वह मेरे सीनियर रहे हैं। जब मैं राज्य के लिए खेल रहा था तो कई बार मेंटॉर भी, लेकिन पूरे सम्मान के साथ अगर किसी ने लंबे समय तक उस स्तर की क्रिकेट नहीं खेली है और ऐसे में युवा पीढ़ी जो टी20 तथा छोटे फॉर्मेट की आदी है। आप उन्हें क्या बताएंगे? वह उन्हें तकनीक बताएंगे लेकिन कोई उनसे मानसिक पक्ष पर बात करने के लिए नहीं होगा।
आपको बता दें कि आईसीसी विश्व कप 2019 के बाद भारत के कोचिंग स्टाफ के सभी सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया था जिसके बाद कपिल देव के नेतृत्व वाली चयन समिति ने बल्लेबाजी कोच के लिये संजय बांगर की जगह विक्रम राठौड़ को चुना था, उनके अलावा सभी स्टाफ की यथास्थिति बरकरार रखी गई थी।