शार्दुल फिर साबित हुए 'ठाकुर साहब'-
आउट होने से पहले शार्दुल ठाकुर ने इंग्लैंड की धरती पर सबसे तेज अर्धशतक जमाने का इयान बॉथम का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था। उन्होंने पहली पारी में 36 गेंदों पर 57 रन बनाए। लेकिन यह शार्दुल की दूसरी पारी में की गई बल्लेबाजी थी जिसने भारत को बहुत सिक्योर कर दिया। शार्दुल ठाकुर ने पंत के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 100 रनों की साझेदारी कर दी जिसमें उन्होंने फिर से धुआंधार 60 रन बनाए। इतना ही नहीं जब शार्दुल ठाकुर दूसरी पारी में बॉलिंग करने आए तो उन्होंने पहले तो 50 रनों पर खेल रहे रोरी बर्न्स को चलता किया और उसके बाद लंच के पश्चात सबसे खतरनाक बल्लेबाज इंग्लिश कप्तान जो रूट को 36 रनों पर बोल्ड कर दिया।
रोहित शर्मा ने अपने शतक को बेस्ट करार दिया, बताया कौन सी चीज उनके लिए गेम चेंजर रही
कोहली का फैसला चला तो कप्तान गर्व से बोले-
पूरे मैच में शार्दुल ठाकुर अपनी परफॉर्मेंस के दम पर छाए रहे। रविचंद्रन अश्विन को लेकर हाय तौबा करने वाले प्रशंसक और क्रिकेट एक्सपर्ट शार्दुल ठाकुर का यह प्रदर्शन अभी तक नहीं भूल पा रहे हैं और कप्तान विराट कोहली को अपने इस कदम से बड़ी राहत भी मिली है। विराट कोहली ने मैच की समाप्ति के बाद होने वाली प्रेजेंटेशन में कहा है कि रोहित की पारी तो बेहतरीन थी ही लेकिन यह शार्दुल ठाकुर थे जो वाकई में दोनों टीमों के बीच फर्क साबित हुए।
विराट कोहली कहते हैं, "शार्दुल ठाकुर एक फर्क साबित हुए हैं उन्होंने लोअर मिडल ऑर्डर पर प्रभाव छोड़ने वाली परफारमेंस की है और दूसरी पारी में काउंटर अटैक किया है। हम सिमटते दिख रहे थे लेकिन शार्दुल जबरदस्त दिखाई दिए।"
अश्विन के लिए बस ये एक छोटा सा संदेश है-
अब जब रविचंद्रन अश्विन को लेकर बात चली है तो विराट कोहली ने किसी का नाम लिए बिना यह भी कहा है हम किसी आंकड़ों (ध्यान दें यहां अश्विन 400 से ज्यादा विकेट ले चुके हैं) की ओर ध्यान नहीं देते। हम केवल इस पर ध्यान देते हैं कि हमारा फोकस कहां पर होना चाहिए और उसी हिसाब से फैसला करते हैं। साथ ही हम उसी चीज को लेकर आगे बढ़ते हैं जिस पर हम विश्वास करते हैं कि टेस्ट मैच जीता जा सकता है। बाहर से लोग कितना भी शोर मचाते रहे लेकिन यह हमें परेशान नहीं करता है।"
फिलहाल तो विराट कोहली मैच विजेता कप्तान है और ऐसी बात कह सकते हैं लेकिन अगर यही स्थिति उल्टी पड़ जाए तो आलोचनाओं की सुनामी से भी विराट कोहली को गुजरना होता है।
फिलहाल 'लॉर्ड' शार्दुल की ठाठ-
ठाकुर वैसे तो एक पक्के ऑलराउंडर नहीं माने जाते हैं लेकिन जिस तरीके से टेस्ट मैचों में धुआंधार अंदाज दिखा रहे हैं उसके सबसे उनको एक ऑलराउंडर के तौर पर लेना गलत नहीं होगा क्योंकि उनके चार मैचों के छोटे से टेस्ट करियर में ही वे तीन अर्धशतक लगा चुके हैं जिसमें उन्होंने लगभग 78 के स्ट्राइक रेट से बैटिंग करते हुए 190 रन बनाए हैं और उनका औसत 38 का रहा है। दूसरी और गेंदबाजी में भी अभी शार्दुल ठाकुर के लिए शुरुआत ही है लेकिन उन्होंने चार मैचों में 14 विकेट चटका कर अपनी प्रतिभा दिखाई है। यहां गेंदबाजी में उनका स्ट्राइक रेट केवल 40 रहता है जबकि एवरेज 22.7 का है।
हालांकि सैंपल अभी छोटा है और शार्दुल ठाकुर बेन स्टोक्स की तरह शायद हर मैच खेलने वाले ऑलराउंडर भले ही ना हो लेकिन अपने लिए माकूल परिस्थितियों में वे जब भी आएंगे तब-तब उनसे इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।
फिलहाल ऐसा लगता है कि भारतीय टीम विनिंग कॉन्बिनेशन को लेकर ही आगे बढ़ेगी और शायद रविचंद्रन अश्विन को 10 सितंबर से शुरू होने वाला इस टेस्ट सीरीज का अंतिम मुकाबला भी खेलने को ना मिले। यह मुकाबला मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में होगा जहां इंग्लिश परिस्थितियां एक बार फिर से हावी रहेंगी और भारतीयों को घूमती गेंदों का सामना करना पड़ सकता है। केवल एक मैच की ही बात है और भारत सीरीज को सिर्फ ड्रा करना नहीं चाहेगा।