ऐसा खराब प्रदर्शन किसी का भी करियर खत्म कर दे
हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। सीरीज के पहले मैच में रहाणे ने कप्तानी की। मैच ड्रा रहा, लेकिन रहाणे रन नहीं बना सके। कानपुर टेस्ट में वह पहली पारी में 35 तो दूसरी पारी में सिर्फ 4 रन ही बना सके। दूसरे टेस्ट से वह चोटिल होने के कारण अचानक बाहर कर दिए गए थे। रहाणे को लेकर क्रिकेट जगत के कई दिग्गजों ने अपनी राय देना शुरू किया। कईयों ने उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलने की सलाह दी, क्योंकि रहाणे का पिछले दो सालों में जो प्रदर्शन देखने को मिला है, वो किसी भी अन्य क्रिकेटर का करियर खत्म करने के लिए काफी है। रहाणे ने 2019 में 8 टेस्ट मैच खेले, जिसमें हालांकि उनका अच्छा प्रदर्शन रहा था। उन्होंने 71.33 की एवरेज से 642 रन बनाए थे। साल 2020 में उन्होंने 4 टेस्ट मैच खेले, जिसमें बिना कोई शतक के 38.86 की एवरेज से 272 रन बनाए।
साल 2021 रहा रहाणे के लिए खराब
वहीं रहाणे के लिए साल 2021 बेहद खराब रहा है। इस साल उन्होंने 12 मुकाबले खेले, जिसमें 21 पारियों में उनके बल्ले से महज 19.57 की खराब एवरेज से 411 रन ही निकले। इन 12 मैचों ने रहाणे का करियर सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। बिना शतक जमाए रहाणे सिर्फ 2 अर्धशतक ही लगा सके। रहाणे टेस्ट टीम के उपकप्तान थे, लेकिन अब उनके ये जिम्मेदारी भी छिन ली गई है, क्योंकि बीसीसीआई ने रोहित शर्मा को अब टेस्ट का नया उपकप्तान घोषित किया है।
फिर भी मिल गया दोबारा माैका
रहाणे भले ही बल्ले से रन नहीं बरसा पा रहे हों, लेकिन मैनेजमेंट की कृपा उनपर बरस रही है। यही कारण है कि इतने खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को मैनेजमेंट ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए फिर चुन लिया है। हालांकि रहाणे से उपकप्तानी छीन ली गई है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज की शुरूआत 26 दिसंबर को होने जा रही है, लेकिन देखना यह बाकी है कि क्या रहाणे अब माैके का फायदा उठा पाते हैं या नहीं। यह भी समझा जा सकता है कि रहाणे के लिए खुद को साबित करने का ये आखिरी माैका रहेगा। अगर रहाणे अफ्रीकी दाैरे पर रन नहीं बना पाते हैं तो फिर उनका टीम से बाहर होना तय है, क्योंकि कतार में कई खिलाड़ी खड़े हैं। खासकर श्रेयस अय्यर, जिन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में ही शतक व अर्धशतक लगाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया।