दिल्ली चाहती थी कि मैं उनके लिए खेलूं
रहाणे को दिल्ली कैपिटल्स ने मयंक मार्कंडे और राहुल तेवतिया के बदले राजस्थान से खरीदा था। रहाणे ने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा, "कप्तानी गंवाने के कारण मेरे मन में राजस्थान को छोड़ने का विचार नहीं था, बल्कि दिल्ली कैपिटल्स चाहती थी कि मैं उनके लिए खेलूं और मुझे लगा कि खिलाड़ी के रूप में सीखने और विकसित होने का अवसर है। मैं रॉयल्स का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे इतने सालों तक उनके लिए खेलने का मौका दिया।"
गांगुली ने की थी बात
31 वर्षीय रहाणे ने आगे कहा कि जब वे इंग्लैंड में हैम्पशायर के लिए काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे तब गांगुली ने उनसे दिल्ली कैपिटल्स से जुड़ने के लिए बात की थी। उन्होंने कहा, ''साउथेम्प्टन में भारत के विश्व कप मैच के दौरान गांगुली ने पूछा था कि क्या तुम डीसी के लिए खेलना चाहोगे। उस वक्त सौरव गांगुली दिल्ली के मेंटर थे। मुझे लगा कि यह मेरे लिए एक अच्छा मौका होगा। मैंने फैसला करने के लिए कुछ समय लिया और हां कहा।''
कप्तानी गंवाने पर कही ये बात
रहाणे ने राजस्थान से कप्तानी गंवाने के सवाल पर कहा, "मैंने हमेशा माना है कि क्रिकेट एक टीम का खेल है और आप एक खिलाड़ी की गलती के कारण नहीं हारते हैं या एक खिलाड़ी के शानदार प्रदर्शन के कारण जीतते हैं। अगर आप चाहते हैं कि मैं दोष लूं, तो ठीक है। उसके बाद (कप्तानी) फैसला हुआ, मैं अपने कुछ करीबी दोस्तों के साथ बैठा था, लेकिन कप्तानी के बारे में बिल्कुल भी चर्चा नहीं की। मैंने तय किया कि मुझे पता है कि मुझे कैसे बल्लेबाजी करनी चाहिए और मैं उसी तरह बल्लेबाजी करूंगा।" बता दें कि रहाणे ने पिछले सीजन में खेले 14 मैचों में 393 रन ठोके थे जिसमें नाबाद 105 रनों की शतकीय पारी भी रही थी।