नई दिल्ली। दुनिया भर में फैली महामारी कोरोना वायरस के बीच इन दिनों खेल जगत पूरी तरह से ठप्प पड़ा है। इस दौरान क्रिकेट को दोबारा शुरु करने के लिये आईसीसी ने नई गाइडलाइंस जारी की है जिसमें मैच के दौरान गेंद को चमकाने के लिये सलाइवा पर बैन लगा दिया है। आईसीसी ने अपने कई नियम बदल डाले हैं। वहीं इस मुद्दे पर भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर ने अपनी राय रखते हुए बताया कि वह आईसीसी के इस फैसले से सहमत नही हैं।
अजीत अगरकर का मानना है कि कोरोना वायरस के चलते लार पर बैन सुरक्षित खेल के लिये जरूरी है लेकिन अगर कोई खिलाड़ी टेस्ट के दौरान नॉर्मल पाया जाता है तो उसे मैच के दौरान बैन का इस्तेमाल करने की छूट देने पर विचार किया जाना चाहिये। अजीत अगरकर ने सलाइवा बैन के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि यह गेंदबाजों के लिये उतना ही जरूरी होता है जितना कि एक बल्लेबाज के लिये उसका बल्ला।
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भारत के लिये 191 वनडे और 26 टेस्ट मैच खेलने वाले अजीत अगरकर ने कहा,'मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि मैच शुरू होने से पहले खिलाड़ियों की जांच की जाएगी. अगर वह कोविड-19 से संक्रमित नहीं है तो आप लार के इस्तेमाल पर विचार कर सकते हैं। यह मेरा विचार है और इस मुद्दे पर चिकित्सा क्षेत्र का कोई जानकर बेहतर जानकारी दे सकता है।'
हालांकि इस बीच अगरकर ने यह भी माना कि आईसीसी के पास खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिये और कोई रास्ता नहीं था।
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उन्होंने कहा, 'गेंद को चमकाना बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए कोई दूसरा तरीका मौजूद नहीं है लेकिन समितियों (आईसीसी की क्रिकेट एवं चिकित्सा समिति) के लिए यह एक मुश्किल है फैसला होगा। जाहिर है उन्होंने एक सुरक्षित तरीका अपनाया है और मौजूदा स्थिति में यह समझ में आता है। हमें एक बार इंग्लैंड की श्रृंखला के खत्म होने का इंतजार करना होगा। यह गेंदबाजों के लिए आसान नहीं होने वाला है लेकिन हमें इंतजार करना पड़ेगा।'
भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज का मानना है कि मौजूदा समय में क्रिकेट पहले से ही 'बल्लेबाजों के पक्ष में है', लार पर बैन लगाने से गेंदबाजों की स्थिति और भी खराब हो जायेगी।
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उन्होंने कहा, 'अगर आप किसी भी गेंदबाज से पूछेंगे, तो हर कोई थोड़ा आशंकित होगा। हाल के दिनों में हालांकि पिच गेंदबाजों के लिए काफी मददगार रही है, जो थोड़ा अधिक संतुलन बिठाता है। कुल मिलाकर अगर आप देखें तो इस समय बल्लेबाज विश्व क्रिकेट पर हावी हैं।'
आपको बता दें आईसीसी के लार पर बैन का नियम आठ जुलाई से इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जानी वाली तीन टेस्ट की श्रृंखला से लागू होगा। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले तीन महीने में यह पहली टेस्ट श्रृंखला होगी।