नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को एक बड़ा झटका उस समय लगा जब 2013 के सीजन में कई खिलाड़ी मैच फिक्सिंग व सट्टेबाजी में शामिल थे। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और राजस्थान रॉयल्स (RR) को 2015 में दो साल के लिए लीग से प्रतिबंधित कर दिया गया था। इससे क्रिकेट जगत स्तब्ध रह गया। खिलाड़ियों में एस श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला को बीसीसीआई अधिकारियों ने आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था। तीनों खिलाड़ी रॉयल्स के लिए खेले और कथित तौर पर स्पॉट फिक्सिंग में शामिल थे।
श्रीसंत और चव्हाण पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा दिया गया, वही चंदीला ने भी अब बीसीसीआई से अपील की है कि उनपर लगा आजीवन बैन हटा दिया जाए। अन्य दो खिलाड़ियों को केरल और मुंबई में उच्च न्यायालयों के हस्तक्षेप से राहत मिली। चंदीला ने अब फैसला किया है वह प्रतिबंध से कुछ राहत पाने के लिए दोनों खिलाड़ियों के समान मार्ग का अनुसरण किया है। रॉयल्स के पूर्व खिलाड़ियों ने प्रक्रिया के लिए चव्हाण से संपर्क किया था। एक दिलचस्प बात यह है कि श्रीसंत और चव्हाण को केरल और मुंबई से राहत मिली है, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय में अभी भी उन्हें खेलने की मंजूरी नहीं मिली है।
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नीरज कुमार बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के प्रमुख उस समय पुलिस आयुक्त की भूमिका में थे, जब वह तीनों मामलों के प्रभारी थे। उन्होंने कहा, "हमारे पास इन तीनों (तीसरे अजीत चंदीला) के खिलाफ मजबूत ऑडियो और वीडियो सबूत थे। उन्होंने टेलीफोन पर (सटोरियों के साथ) जो कुछ भी चर्चा की, उन्होंने मैचों के दौरान उसी तरह से काम किया।"
अजीत चंदीला ने BCCI सौरव गांगुली को लिखा पत्र
चंदीला ने चार बार बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को अपना प्रतिबंध हटाने के लिए पत्र लिखा है, लेकिन ऑलराउंडर को अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। चंदीला ने प्रतिबंधित होने से पहले रॉयल्स के लिए 12 मैचों में 11 विकेट लिए थे। आरोपों ने उनके करियर को बर्बाद करने से पहले उन्हें फ्रैंचाइजी के लिए उज्ज्वल संभावनाओं में से एक माना जाता था।