नई दिल्ली। भारत आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीतने का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन इंग्लिश पिच पर न्यूजीलैंड ने हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हुए मैच अपने नाम कर लिया। मुकाबले को खत्म भले ही एक हफ्ते से ज्यादा का समय हो गया हो, लेकिन भारत की हार पर चर्चा जारी है। पूर्व इंग्लिश कप्तान एलिस्टेयर कुक का कहना है कि भारत को मुकाबले से पहले मैच खेलने का माैका नहीं मिला। दूसरी ओर, न्यूजीलैंड इंग्लैंड के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज उन्हीं परिस्थितियों में खेलकर आ रहा था। और यह तथ्य कि भारत तीन महीने के अंतराल के बाद खेल के सबसे लंबे प्रारूप में खेल रहा था।
कुक ने कहा, "मैंने कहा था कि न्यूजीलैंड उस मैच को पूरी तरह से जीतने जा रहा है।'' बीबीसी के टफर और वॉन पॉडकास्ट पर कुक ने कहा, "इंग्लैंड के खिलाफ वे दो टेस्ट मैच न्यूजीलैंड के लिए सही तैयारी थी।" कुक ने कहा कि खेल से पहले उनके पास एकमात्र रेड-बॉल अभ्यास इंट्रा-स्क्वाड मैच था, जिसमें असली टेस्ट की तरह तीव्रता नहीं थी। भारत के बल्लेबाज जंग खाए हुए दिखे और उनमें से कोई भी पारी में 50 रन का आंकड़ा भी नहीं छू सका। जिस गति को सही माना जाता था, वह भी उम्मीदों के अनुरूप नहीं हो सकी।''
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उन्होंने कहा, "इंट्रा-स्क्वाड गेम में आपका इरादा जितना अच्छा हो सकता है, उसमें उतनी तीव्रता नहीं थी। पहला घंटा वास्तव में प्रतिस्पर्धी हो सकता है लेकिन सब कुछ कम होता गया। इस तरह से भारत के लिए यह मैच कठिन था।" भारत के बल्लेबाज पहली पारी में 217 रन पर ऑल आउट हो गए और बाद की पारी में निराशाजनक प्रदर्शन किया। इस बार वह सिर्फ 170 रन पर ढेर हो गए। न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों के सामने लक्ष्य ज्यादा कुछ नहीं था। केन विलियमसन और रॉस टेलर की साझेदारी उनकी टीम को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हुई।