हर बार मुझे ही बनाया गया निशाना
अमित मिश्रा ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने लगातार घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन बावजूद इसके उन्हें वापसी का मौका नहीं मिला और जब भी इस बारे में सवाल करो तो उन्हें ठीक से जवाब नहीं मिलता।
स्पोर्ट्स तक कार्यक्रम में बात करते हुए मिश्रा ने कहा,'जब मैं फॉर्म में था, तब भी अगर किसी पर गाज गिरनी होती तो वह मिश्रा होता। मुझे कभी भी चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन की ओर से कभी कोई मैसेज नहीं मिला कि चोट के वापसी के लिये उन्हें क्या करने की जरूरत है।'
जैसा सपॉर्ट धोनी को दादा ने किया वैसे मुझे मिलता तो करियर दूसरा होता
टीम में समर्थन की बात करते हुए अमित मिश्रा ने कहा कि जिस तरह से एमएस धोनी को सौरव गांगुली का साथ मिला अगर वैसा समर्थन मुझे भी मिला होता तो देश के लिये आज 70-80 टेस्ट मैच खेल चुका होता।
उन्होंने कहा, 'मैं अब भी अपने आप से पूछता हूं कि मेरे साथ क्या हुआ। मुझे कोई भी संतोषप्रद उत्तर नहीं दे पाया है। टीम में एक नियम था कि अगर कोई चोट की वजह से बाहर होता है तो वह टीम में वापस आएगा। ऋद्धिमान साहा ने चोट के चलते करीब डेढ़ साल तक टीम से बाहर रहने के बाद वापसी की। मुझे नहीं पता कि मेरे साथ ऐसा क्या हुआ।'
एक आखिरी बार भारत के लिये खेलने की है चाहत
आईपीएल में तीन बार हैट्रिक लेने वाले अमित मिश्रा ने संन्यास से पहले अपनी आखिरी इच्छा बताते हुए कहा कि वह देश के लिये एक बार फिर से नीली जर्सी में मैदान पर उतरना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह मौका उन्हें किसी टी20 इंटरनैशनल मैच में मिलता है तो बेहद शानदार होगा।
उन्होंने कहा,' मुझे भारतीय कप्तान विराट कोहली से भी आश्वासन मिला था कि वह राष्ट्रीय चयनकर्ताओं से इस बारे में बात करेंगे कि आखिर कमी कहां है। मैंने भारत के लिए हर मौके पर अच्छा प्रदर्शन किया है यहां तक कि मुश्किल से मुश्किल हालात में भी।'