नई दिल्ली। अनिल कुंबले ने उस मैच को याद किया है जब उन्होंने पाकिस्तान को चारों खाने चित्त करते हुए एक पारी में 10 विकेट हासिल करने का गाैरव हासिल किया था। 1999 में तब कुंबले ने बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि वो ऐसा कर पाएंगे। तब कुंबले एक पारी में 10 विकेट लेने वाले जिम लेकर के बाद दूसरे गेंदबाज बने थे। कुंबले ने इस ऐतिहासिक मैच को फिर याद करते हुए कहा कि अगर डीआरएस होता तो वह पहले ही 10 विकेट हासिल कर लेते।
अश्विन ने कुंबले को याद दिलाया कि जब उन्होंने आखिरी विकेट लिया तो वह पीछे की ओर दौड़े थे, उस समय ऐसा लगा था कि वह अंपायर जयप्रकाश को गोद में उठा लेंगे। हालांकि कुंबले ने इससे इनकार किया। कुंबले ने रविचंद्रन अश्विन से बात करते हुए कहा, ''यह काफी हैरानी की बात है। मुझे लगता है कि हर कोई इस इवेंट का हिस्सा होना चाहता था। हो सकता है कि जय भी यही सोच रहे हों कि यह उनके लिए भी खास लम्हा था। मैं जानता हूं कि इस पर खूब चर्चा हुई कि जय भी बैंगलोर से हैं, लेकिन आखिर वह अंपायर हैं। मुझे लगता है कि यह बकवास है कि जब आप विकेट का श्रेय अंपायरों या अंपायर के पक्षपात को देने लगते हो। अगर तब DRS होता तो शायद वह पहले ही अपने 10 विकेट पूरे कर चुके होते।''
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कुंबले ने यह भी बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह पारी के सभी 10 विकेट हासिल कर लेंगे। वह तो बस करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते थे। उन्होंने कहा, ''जब मैंने छह विकेट ले लिए थे, तब टी ब्रेक हुआ, तो जब मैं वापस आया तो थका हुआ था। चूंकि मैंने लंच से टी तक उस स्पेल में लगातार बोलिंग की थी। तब टी पर मुझे अहसास हुआ कि मैं अपने पूर्व प्रदर्शन को सुधार सकता हूं। मैंने कभी सभी 10 विकेट लेने के बारे में नहीं सोचा था। मुझे नहीं लगता कि आप मैच में यह सोचकर जाते हो कि सभी 10 विकेट आप ही लोगे। हालांकि आप तैयारी उसी तरह करते हो यानी मैं नंबर 1 से 11 तक के बल्लेबाजों को कैसे बोलिंग करूंगा? यह आपके दिमाग में होता है, तो 8वां और 9वां विकेट उस ओवर की पांचवीं और छठी गेंद पर हुआ।''