नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने मुंबई के क्रिकेटर अंकित चव्हाण का आजीवन प्रतिबंध हटा लिया है। 2013 इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में स्पॉट फिक्सिंग कांड के बाद अब 35 वर्षीय अंकित को सभी प्रकार के क्रिकेट खेलने से निलंबित कर दिया गया था। उनके साथ एस श्रीसंत और अजीत चंदीला को भी समान सजा दी गई। तीनों 2008 चैंपियन राजस्थान रॉयल्स (आरआर) का हिस्सा थे।
मंगलवार, 15 जून को बीसीसीआई के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हेमांग अमीन ने मुंबई के स्पिनर अंकित को सूचित किया कि BCCI के नैतिकता अधिकारी के निर्देशों और अदालत के अनुसार उनके आजीवन प्रतिबंध को घटाकर सात साल कर दिया गया है। इसका मतलब है कि उनकी सजा पिछले सितंबर में ही खत्म हो गई।
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उन्होंने आगे कहा, "एक बार प्रतिबंध हटने के बाद, मैं मैदान पर उतरूंगा और खेलूंगा। मैं मुंबई टीम में वापस आ सकता हूं। मैं खेलना जारी रखना चाहता हूं और मैं ऐसा करूंगा। प्रक्रिया बाकी का ख्याल रखेगी।" पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीसीसीआई ने भी श्रीसंत के आजीवन प्रतिबंध को घटाकर सात साल कर दिया था। श्रीसंत ने घरेलू प्रारूप में केरल के लिए वापसी की। उन्होंने 2021 की आईपीएल नीलामी के लिए भी खुद को पंजीकृत कराया लेकिन उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला।
इसके बाद से ही चव्हाण अपना बैन भी कम कराने की पूरी कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई और एमसीए को उन्हीं नियमों का पालन करना चाहिए जैसा उन्होंने श्रीसंत के मामले में किया था। चव्हाण ने अपने करियर में 18 प्रथम श्रेणी, 20 लिस्ट ए और 26 टी20 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने क्रमशः 53, 18 और 19 विकेट लिए हैं। घरेलू स्तर पर भी उनके नाम दो अर्धशतक और एक शतक है। आईपीएल में, चव्हाण ने 13 मैचों में आठ विकेट लिए।