नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायडू ने फिर से क्रिकेट खेलना फिलहाल छोड़ दिया है। संन्यास के बाद रायडू घरेलू क्रिकेट में खेलते हैं, लेकिन उनको लगता है कि जैसे राष्ट्रीय टीम में राजनीति होती है वैसे यहां भी हो रही है। दरअसल, रायडू ने आगामी रणजी ट्रॉफी सीजन में हैदराबाद की ओर से खेलने के लिए सीधा मना कर दिया है। इसका कारण है टीम में कुछ सही ना चल पाना। रायडू ने तेलंगाना टुडे को दिए इंटरव्यू दाैरान सबको चाैंकाते हुए बताया कि हैदराबाद टीम में राजनीति चल रही है।
रायडू ने कहा, '' इस रणजी ट्रॉफी सीजन में मैं हैदराबाद के लिए खेलना चाहता था लेकिन अब नहीं खेलूंगा। टीम में इस वक्त राजनीति हो रही है और एक अच्छी क्रिकेट खेलने के लिए टीम का माहौल अच्छा नहीं है। मैं अपने आपको वहां पर संतुष्ट महसूस नहीं कर पा रहा हूं। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने अपने इस फैसले के बारे में हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के नए चेयरमैन मोहम्मद अजहरुद्दीन को जानकारी दे दी है। रायडू ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जिनकी टीम में जगह नहीं बनती है फिर भी उन्हें शामिल किया गया है।
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रायडू ने इसके अलावा अर्जुन यादव को हैदराबाद का कोच बनाए जाने पर भी नाखुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वो एक क्वालिफाइड कोच नहीं हैं और हितों के टकराव का भी मामला है। वो रणजी ट्रॉफी का कोच बनने के लायक अभी नहीं हैं। उनके पिता शिवलाल यादव के दबाव के कारण ही उन्हें कोच पद के लिए चुना गया है। वहीं रायडू ने ट्वीट कर तेलंगाना के अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर से मामले की जांच की मांग की है। बता दें कि रायडू को इंग्लैंड में हुए आईसीसी विश्व कप दाैरान भी टीम में नहीं जोड़ा गया था, हालांकि उम्मीदें पूरी थीं। इसके बाद जब शिखर धवन व विजय शंकर चोटिल होकर बाहर हुए तब भी चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम में नहीं जोड़ा। इससे नाराज रायडू ने अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।