Arun Jaitley: दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान जिसका नाम अब दिल्ली क्रिकेट स्टेडियम है, आज वहां पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के 68वें जन्मदिन के मौके पर मूर्ति का उद्घाटन किया गया। अरुण जेटली दिल्ली डिट्रिक्ट क्रिकेट असोसिएशन के मुखिया रह चुके हैं। जेटली की मूर्ति के उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली भी मौजूद थे। अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली मौजूदा समय में डीडीसीए के अध्यक्ष हैं, वह भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
मैदान में अरुण जेटली की छह फीट की मूर्ति को स्थापित किया गया है, जिसका आज उद्घाटन किया गया। इस मूर्ति को बनाने में कुल लागत तकरीबन 15 लाख रुपए आई है, जिसका कुल वजन तकरीबन 800 किलोग्राम है। कड़ी सुरक्षा के बीच अरुण जेटली की मूर्ति शनिवार के मौदान पहुंची थी, जिसे तुरंत ढक दिया गया था। बता दें कि पूर्व स्पिन गेंदबाज बिशन सिंह बेदी ने इस कदम का विरोध किया था, उन्होंने मैदान में अरुण जेटली की मूर्ति लगाए जाने का विरोध किया और दिल्ली क्रिकेट बोर्ड में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है कि अरुण जेटली की मूर्ति को राम सुतार आर्ट क्रिएसंश प्राइवेट लिमिटेड में सुतार फादर-सन डुओ ने तैयार किया है। सुतार की ही कंपनी ने गुजरात में सरकार पटेल की मूर्ति को भी डिजाइन किया था। जेटली की मूर्ति को वीरेंद्र सहवाग गेट के पास स्थापित किया गया है। बता दें कि 12 सितंबर को दिल्ली क्रिकेट स्टेडियम को अरुण जेटली के नाम पर कर दिया गया था। अक्टूबर माह में डीडीसीए की बैठक में ही अरुण जेटली की मूर्ति को मैदान में लगाए जाने का फैसला लिया गया। इसी बैठक में रोहन जेटली को डीडीसीए के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुन लिया गया था।
डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर अरुण जेटली ने 14 वर्ष तक अपनी सेवाएं दी थी। अरुण जेटली का 24 अगस्त 2019 को निधन हो गया था। उनके कई अंगो ने काम करना बंद कर दिया था, जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई थी। रोहन जेटली को बिशन सिंह ने बेदी ने एक पत्र लिखकर अपनी आपत्ति जाहिर की थी। बेदी ने डीडीसीए के अध्यक्ष से पत्र लिखकर कहा था कि उनके नाम को स्टेडियम के स्टैंड से हटाया जाए, यही नहीं प्रदेश की यूनिट की सदस्यता से भी बेदी ने इस्तीफा दे दिया था।
बेदी ने अपने पत्र में लिखा था कि जिस तरह से फिरोज शाह कोटला मैदान के नाम को जल्दबाजी में बदला गया और इसे अरुण जेटली के नाम पर किया गया, उसके बाद मुझे लगा कि शायद बाद में इसे सही किया जाएगा। लेकिन मैं कितना गलत था। अब कोटला में जेटली की मूर्ति लगने जा रही है। मैं खुद को बहुत ही धैर्यवान व्यक्ति मानता हूं, लेकिन मुझे अब डर है कि मैं अपना संयम और संतोष दोनों ही खो दूंगा। लिहाजा अध्यक्ष जी मेरी आपसे अपील है कि आप मेरे नाम को स्टैंड से हटा लें। इसके साथ ही मैं डीडीसीए से अपनी सदस्यता को भी छोड़ता हूं।
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