सिल्वरवुड की कोचिंग में भी काफी गलती
क्रिस सिल्वरवुड इंग्लैंड के खेमे से जनवरी 2018 से जुड़े हुए हैं, तब वो सिर्फ गेंदबाजी कोच के रूप में शामिल हुए थे, हालांकि अक्टूबर 2019 में उन्हें प्रमोट कर टीम का हेड कोच बना दिया गया।
एशेज में खेले गये पहले टेस्ट मैच में पहले बल्लेबाजी और स्टुअर्ट ब्रॉड को बाहर बिठाने का फैसला मुश्किलों का सबब बना तो वहीं दूसरे टेस्ट मैच से जैक लीच को बाहर बिठाना उनके लिये मुश्किलें खड़ी कर गया। इस बीच इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथर्टन ने कहा है कि जो रूट को एशेज में हार के लिये अपनी जिम्मेदारी कबूल करनी चाहिये और टीम की कप्तानी से हट जाना चाहिये। वहीं बेन स्टोक्स को आगे बढ़ते हुए टीम की कमान लेनी चाहिये।
जो रूट को जिम्मेदारी ले छोड़नी चाहिये कप्तानी
एथर्टन ने इंग्लैंड टीम के सेलेक्शन मैनेजमेंट की आलोचना की और कहा कि उन्हें मैच से पहले टीमों के प्लेइंग 11 को चुनने का तुक नहीं समझ आ रहा है। अगर जो रूट ने सही टीम का चयन किया होता तो एशेज में इंग्लैंड को एकतरफा हार नहीं मिलती।
द टाइम्स में लिखते हुए उन्होंने कहा,'एशेज में इंग्लैंड से एक नहीं बहुत सारी गलतियां हुई हैं, सेलेक्शन से लेकर रणनीति बनाने तक, कप्तान को निजी तौर पर जिम्मेदारी लेनी चाहिये। यह सीरीज एकतरफा होने के बजाय ज्यादा करीब हो सकती थी अगर रूट मैदान पर सही फैसले लेने में कामयाब होते। रूट ने इंग्लैंड के लिये लंबे समय तक अच्छी कप्तानी की है और खेल के लिये हमेशा एक अच्छे एंबेसडर साबित हुए हैं। पर पांच साल से एक ही काम करते हुए आपको 3 बार एशेज खेलने का मौका मिला और दो बार ऑस्ट्रेलिया में आपने शर्मनाक प्रदर्शन किया। अब वक्त आ गया है कि किसी और को जिम्मेदारी लेनी चाहिये।'
इंग्लैंड में संस्थात्मक बदलाव की जरूरत
एथर्टन का मानना है कि बेन स्टोक्स टीम के नये कप्तान के रूप में अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं जिन्होंने गर्मियों के दौरान थोड़े समय के लिये कार्यभार संभालते हुए अच्छा काम किया था। उनकी गेंदबाजी में गिरावट देखने को मिल रही है जिसकी वजह से वह शायद अब इंग्लैंड की टी20 में जगह न बना सकें तो उन्होंने थोड़ा सा आराम दिया जा सकता है। एथर्टन के हिसाब से सिल्वरवुड की नियुक्ति भी इंग्लैंड के लिये काम नहीं कर रही है और एशेज के बाद उनका बाहर जाना तय है। एथर्टन ने कहा कि वक्त आ गया है कि कोचिंग और चयन समिति को दोबारा से चुना जाये और सिल्वरवुड को बाहर का रास्ता दिखाया जाये।
उन्होंने कहा,'मौजूदा समय में ऐसा लगता है कि वहां पर अथॉरिटी की कमी है जो जिम्मेदारी लेती नजर आये, इतना ही नहीं खिलाड़ियों में चुनौती लेने में अनिच्छा नजर आती है। मुझे कोई रास्ता नहीं नजर आता जिसके चलते इस एशेज के बाद उन्हें दोबारा टीम में मौका मिलता नजर आये। वक्त आ गया है जब संस्थात्मक रूप से बड़े बदलाव किये जायें।'