सीमित ओवर्स प्रारूप में अच्छा कर टेस्ट में होगी वापसी
मैक्सवेल का मानना है कि अगर कोई खिलाड़ी अपने देश के लिये दूसरे प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो वह टेस्ट प्रारूप में भी जगह बना ही लेता है क्योंकि उसे जीत दिलाने वाले निर्भर खिलाड़ियों में शुमार किया जा सकता है।
क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू से बात करते हुए मैक्सवेल ने कहा,' इस समर किसी भी तरह के रेड बॉल क्रिकेट का हिस्सा बन पाना काफी मुश्किल होने वाला है लेकिन जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि अगर आप देश के लिये अन्य प्रारूपों में अच्छा कर रहे हों तो प्रारूप में बदलाव करना बड़ी बात है। मैं अभी भी अगले साल उपमहाद्वीप में खेली जाने वाली सीरीज का हिस्सा बनने की ओर देख रहा हूं।'
लंबे समय तक बल्लेबाजी करने पर देना होगा ध्यान
इस बातचीत के दौरान मैक्सवेल ने माना कि टेस्ट मैच क्रिकेट के दौरान एक बल्लेबाज को लंबे समय तक बैटिंग करने की कला पर ध्यान देना होता है, साथ ही परिस्थिति के हिसाब से खेल की शैली को बदलने की कला अनिवार्य है।
उन्होंने कहा,'जाहिर तौर पर टेस्ट क्रिकेट में वो परिस्थिति आती है जब आपको गेंदों का सामना करना पड़ता है और लंबे समय तक बल्लेबाजी करके दिखानी होती है। यह सब मानसिकता का खेल है। मुझे लगता है कि मेरे पास टेस्ट मैच का गेम है और आने वाले समय में बेहतर तरीके से चीजों को एडॉप्ट कर सकता हूं। जब आपकी उम्र थोड़ी बढ़ जाती है तो है आप अपने गेम को बेहतर तरीके से जानने-समझने लगते हैं कि टीम को किस चीज की दरकार है। मुझे लगता है कि मैं बेहद शानदार स्थिति में हूं और जहां पर मेरा गेम चल रहा है वहां से टेस्ट क्रिकेट के लिये तैयारी करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।'
टेस्ट के लिये सीमित ओवर्स के खेल में नहीं करूंगा कटौती
ग्लेन मैक्सवेल ने यह भी साफ किया है कि टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिये वह किसी भी तरह से अपने सीमित ओवर्स प्रारूप में खेलने से कटौती नहीं करेंगे, खास तौर से 2 टी20 विश्वकप के आयोजन को देखते हुए। मैक्सवेल का मानना है कि वह मल्टी नेशन टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के लिये अपना रोल अच्छे से निभाते हैं और अनुभव का फायदा उठाते हुए टीम जीत हासिल करती है।
उन्होंने कहा,'मुझे नहीं लगता कि जब आपके सामने इतने बड़े टूर्नामेंट का आयोजन होने वाला हो तो आप इस तरह के निर्णय लेते हैं। यह अच्छी थ्योरी है लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा करने किसी के लिये भी सही होता है। हां टेस्ट क्रिकेट में वापसी करना काफी शानदार है लेकिन अच्छी स्थिति में रहकर टी20 विश्वकप की तैयारी करना भी अपने आप में बेहतरीन है। अगर मैं शानदार खेल को जारी रखूंगा तो मुझे उम्मीद है कि मैं अगले विश्वकप में भी जगह बनाने में कामयाब रहूंगा। अगर मैं अपने रोल को अच्छे से निभाउंगा तो टीम को काफी सफलता मिल सकती है। जब विश्वकप सामने हो तो किसी प्रारूप में कटौती करना मुश्किल काम होता है।'