नई दिल्ली। एशिया कप 2018 का आयोजन नजदीक है। पड़ोसी मुल्कों में आपसी समरसता बरकरार रखने के लिए साल 1983 में इस कप का आयोजन किया गया। साल 1883 से शुरू हुआ यह सफर इस साल अरब अमीरात पहुंच गया है। 15 सितंबर को चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के आमने-सामने होंगे। एशिया कप से पहले हम आपको इतिहास के पन्नों पर ले चलेंगे और आपको बताएंगे एक से बढ़कर एक दिलचस्प कहानियां। फिलहाल हम आपको बता रहे हैं 18 मार्च 2012 में भारत और पाकिस्तान के मैच का हाल जब विराट कोहली ने पाकिस्तान की नानी याद दिला दी थी।
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विराट कोहली तब क्रिकेट के शिखर पर पहुंचने की शुरूआती प्रक्रिया में थे। उनके पास गिनी चुनी अच्छी पारियां ही थी। पाकिस्तान को भी कोहली के बल्ले की धार का अंदाजा नहीं था। पाकिस्तान ने रनों का अंबार लगाया उसे लगा कि भारत इस मैच को जीतने में दम तोड़ देगा लेकिन भारत के पास कोहली था और इतिहास को कुछ और ही मंजूर था।हम बताते हैं विस्तार से हुआ क्या था...
18 मार्च 2012 को दिन रात के इस मुकाबले में लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट ने पहली बार 150 से ज्यादा का स्कोर बनाया था। विराट कोहली की यह पारी मौजूदा समय में भी एशिया कप में किसी बल्लेबाज द्वारा खेली गई सबसे बड़ी पारी है।
पाकिस्तान के 330 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरूआत खराब रही। भारत ने पारी की दूसरी ही गेंद पर गौतम गंभीर का विकेट गंवा दिया था। विराट जब बल्लेबाजी करने उतरे तो टीम खाता भी नहीं खोल सकी थी। खाता खोलने के बाद ही विराट ने पाकिस्तानी गेंदबाजों पर अटैक करना शुरू किया और सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर भारत का स्कोर 16 ओवर में 100 रन के पार पहुंचा दिया। विराट ने दूसरे विकेट के लिए सचिन के साथ 133 रनों की साझेदारी की। सचिन के आउट होने के बाद विराट ने रोहित शर्मा को अपना पार्टनर बनाया। विराट और रोहित ने पाकिस्तानी गेंदबाजी आक्रमण की जमकर खबर ली। तीसरे विकेट के लिए दोनों ने 172 रन जोड़े और भारत को जीत के पास पहुंचा दिया।
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विराट कोहली जब पारी के 48वें ओवर की पहली गेंद पर आउट हुए तो भारत का स्कोर 318 रन पहुंच चुका था और टीम को जीत के लिए 17 गेंदों पर 12 रनों की जरूरत थी। रैना और धोनी ने 12 रन सिर्फ अगली 4 गेंदों में बना कर भारत को 13 गेंद शेष रहते जीत दिला दी। विराट को उनकी इस मैराथन पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।