टोंक से हैं खलील :
राजस्थान के टोंक के रहने वाले 20 वर्षीय खलील ने अब तक 17 लिस्ट ए मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 28 विकेट लिए हैं।खलील को 2016 में दिल्ली डेयरडेविल्स ने 10 लाख रुपये में खरीदा। 2018 में सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें 3 करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदा। अपनी शानदार गेंदबाजी की बदौलत वह सीढ़ी दर सीढ़ी सफलता चढ़ते गए।
राहुल द्रविड़ का तराशा हुआ हीरा:
दिलचस्प बात यह है कि हनुमा विहारी की तरह खलील को तराशने में भी राहुल द्रविड़ का ही हाथ है। खलील के यहां तक पहुंंचने में राहुल द्रविड़ ने अहम भूमिका निभाई। राहुल द्रविड़ 2016 अंडर-19 विश्व कप से ही उन पर निगाह रखे हुए हैं।वह हाल में भारत ए के साथ इंग्लैंड दौरे पर भी गए थे।उन्होंने इंडिया-ए और अंडर-19 टीम में द्रविड़ की निगरानी में अच्छा खेल दिखाया। खलील 2016 में जब दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़े तो द्रविड़ इस टीम के मेंटर थे।
पिता चाहते थे डॉक्टर बने:
खलील के यहां तक पहुंचने की कहानी दिलचस्प है। टीम इंडिया स्क्वॉड में पहुंचने के लिए उनका सफर टेनिस बॉल से शुरू हुआ था। बचपने से ही उन्हें क्रिकेट से लगाव था। आगे चलकर वह राजस्थान की ओर से अंडर-16 और अंडर-19 में खेले। युवा क्रिकेटर के पिता कंपाउंडर हैं। वह चाहते थे कि बेटा पढ़-लिखकर डॉक्टर बने। पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उनके पिता इसके लिए कई बार उनकी पिटाई भी करते थे लेकिन खलील का जुनून कम नहीं हुआ और आज वह शिखर पर हैं।
खलील की खासियत:
खलील की ताकत है लगातार 145 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी करना। हालिया मुश्ताक अली ट्रॉफी में वह 148 की रफ्तार की गेंद भी डाल चुके हैं। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान भी खलील अहमद को भविष्य का स्टार मानते हैं। और बीसीसीआई भविष्य के लिए उनमें अपना लेफ्ट आर्म पेशर देख रहा है।