राशिद के घर में क्रिकेट है एक कल्चर
आतंक के साए में जीने को मजबूर अफगानिस्तान के निंगरहाड़ प्रांत में रहने वाले राशिद पहले एक बल्लेबाज बनना चाहते थे। पाकिस्तान के बॉर्डर से सटे रास्तों से जाने पर इनका घर काबुल से तीन घंटे की दूरी पर है और पाकिस्तान बॉर्डर से एक घंटे 20 मिनट की दूरी पर है। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि उन्हें दो स्पिनर बचपन से बहुत पसंद थे। ये दो दिग्गज कोई और नहीं बल्कि शाहिद आफरीदी और अनिल कुंबले हैं। उन्होंने हाल में दिए एक इंटरव्यू में बताया कि ये दोनों मुझे इसलिए अधिक पसंद थे क्योंकि ये तेज गेंदें डालते थे। इन्हें देखकर मैंने गेंदबाजी सीखनी शुरू की। उन्होंने बताया कि उस समय शेन वार्न भी दुनिया के बेस्ट स्पिनर थे लेकिन वो मुझे पसंद नहीं थे क्योंकि वो धीमी गेंद फेंकते थे। शेन वार्न तेज नहीं डालता था, इसलिए वो मुझे पसंद नहीं थे। उन्होंने बताया कि मेरे घर पर गेंदबाजी में सभी wrong-un, लेग स्पिन और गुगली डालते हैं, मेरे छोटे-छोटे भतीज में इसमें माहिर हैं। मैं उन सबको देखकर हैरान था कि यार ये सब इतनी अच्छी गेंदें फेंकते हैं।
बल्लेबाज से कैसे बने गेंदबाज
बांग्लादेश के खिलाफ अपने 20वें जन्मदिन पर ऑल राउंड प्रदर्शन करने वाले राशिद पहले वन डाउन बैटिंग करते थे और पार्ट टाइम लेग स्पिनर थे। 'शुरुआती दिनों में मैं बल्लेबाजी अच्छी करता था और गेंदबाजी साथ में करता था लेकिन दोस्तों ने जब मुझे गेंदें फेंकते देखा तो कहा "यार आप तो बैटिंग से अच्छी गेंदबाजी करते हो", जब अफगानिस्तान में मैंने डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना शुरू किया तो वहां पर मुझे 8-9 पोजिशन पर डाल दिया। मैंने कहा यार मुझे तो बैटिंग पसंद है ये बॉलिंग में क्यों डाल दिया। वहां एक कोच थे उन्होंने पूछा या तो आप बैटिंग कर लो या बॉलिंग, मैं ने पूछा ये दोनों नहीं हो सकता क्या तो उन्होंने कहा नहीं आपको बैटिंग करनी है तो आठ नंबर पर और अगर गेंदबाजी नहीं करनी है तो एक नंबर पर, फिर मैंने तीन मैच में 21 आउट किए और उसके बाद बन गया गेंदबाज।
अंग्रेजी सीखकर ट्यूशन भी पढ़ाया
राशिद पहले क्रिकेट में नहीं आना चाहते थे उन्होंने बताया कि 9वीं और दसवीं में वो पढ़ने में ठीक थे, उन्होंने कहा अम्मी चाहती थीं कि मैं डॉक्टर बनूं क्योंकि मेरे परिवार में कोई डॉक्टर नहीं है। उन्होंने बताया कि मैं भी चाहता था कि मैं पढ़-लिखकर डॉक्टर बनूं। क्लास में मैं टॉप-5 में आता था। मुझे पढ़ाई का बहुत शौक था, किसी भी चीज को जल्दी पिक करता था। उन्होंने बताया कि मुझे इंग्लिश बोलने का बहुत शौक था इसलिए दसवीं के बाद इंग्लिश ट्यूशन भी लिया और जब अंग्रेजी सीख ली तो बाद में 6 महीने तक इंग्लिश पढ़ाया भी लेकिन क्रिकेट की वजह से इसे छोड़ना पड़ा।
जयवर्धने ने आईपीएल में दिलवाया मौका
उस वक्त मैं 2016 का टी-20 वर्ल्ड कप खेल रहा था, परफॉरमेंस अच्छी हुई थी। आकाश चोपड़ा ने एक ट्ववीट किया था कि 'राशिद खान आईपीएल में खेल सकते हैं' मैं उस वक्त ज़िम्बाब्वे में था मुझे यकीन नहीं हुआ कि यह सच है या झूठ है। आईपीएल का ऑक्शन चल रहा था, सुबह के 6 बजे थे मैं उस वक्त वहां जगा था। ऑक्शन में मुझसे पहले इमरान ताहिर नहीं बिके, मैंने कहा यार ये दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी जब नहीं बिका तो मेरी बोली शायद ही लगे। मैं भाई को पूछ रहा था तो उसने कहा चिंता मत करो महेला जयवर्धने है, वो तुम्हें चुन लेगा, मैंने उन्हें BPL में बोल्ड किया था, बोली लगती गई और जब मेरा ऑक्शन 4 करोड़ में हुआ तो सभी जान गए। अफगानिस्तान में पूरा हल्ला मच गया और इस तरह मैं आईपीएल में खेलने लगा।
घर पर सब के साथ खेलते हैं क्रिकेट
राशिद जब भी कभी घर वापस जाते हैं वो अपने बड़े भाई और भतीजे के साथ क्रिकेट खेलते हैं। उन्होंने बताया कि क्रिकेट खेलने की प्रेरणा उन्हें अपने बड़े भाई से मिली जिन्हें इस खेल से बहुत लगाव है। उन्होंने क्रिकेट को एक कल्चर की तरह लिया और घर में क्रिकेट उनकी ही देन है। राशिद जब भी कभी अपने परिवार के साथ होते हैं लोग उनके साथ क्रिकेट खेलने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। बचपन में टेप वाली गेंद से राशिद ने अभ्यास करना शुरू किया। उन्होंने खुद बताया कि मेरे सभी भाई शानदार क्रिकेट खेलते हैं और वो मुझसे अच्छी गेंदबाजी करते हैं। यहाँ तक कि मेरा भतीजा मुझे VIDEO दिखाकर कहता है देखो कौन लेग स्पिन अच्छी डाल रहा है।
सब के दुलारे हैं राशिद
राशिद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इतना व्यस्त हैं कि जब वो घर जाते हैं तो उनसे सभी एक सवाल जरूर पूछते हैं कि वापस कब जाओगे। उन्होंन बताया कि मैं ये बात किसी को नहीं बताता हूँ कि मैं वापस कब जाऊंगा क्योंकि सभी परेशान हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब अम्मी पूछती हैं कि कब वापसी है तो मैं उन्हें बोलता हूँ अभी 6-7 दिन तलक हैं इधर, क्योंकि जब मैं उन्हें बता दूंगा तो वो सो नहीं पाती हैं, सोचती रहती हैं इसलिए मैं देर रात खुद अपनी पैकिंग करता हूँ और सुबह नाश्ते के टेबल पर तैयार होकर पहुंचता हूँ तो अम्मी कहती हैं अभी तो कह रहा था रुकेगा, अभी जा रहा है। उन्होंने कहा अगर आपको पहले बता देता तो आप खफा हो जातीं इसलिए नहीं बताया।