धोनी पर उठने लगे सवाल
टीम इंडिया की इस रोमांचक जीत के बावजूद मिड्डल ऑर्डर पर सवाल उठ रहे हैं। धोनी की जगह को लेकर क्रिकेट का एक वर्ग उन्हें 'लीजेंड' तो बता रहा है लेकिन देर रात हाथ जोड़कर विनती भी कर रहा था कि 'आप अगर 222 रनों का आंकड़ा चेज करने में अपनी भूमिका नहीं निभा सकते हैं तो बेहतर होगा वर्ल्ड कप से पहले ऋषभ पंत के लिए जगह खाली कर दें'। भले धोनी की आलोचना हो रही हो लेकिन उनकी मौजूदगी और दो स्टंपिंग और एक रन-आउट ने जीत में अहम भूमिका निभाई है। अब ऐसा कहा जा सकता है कि भले ही भारत-पाक के चिर प्रतिद्वंदी होने की परंपरा रही हो लेकिन बांग्लादेश ने कई मौकों पर अपने शानदार खेल से पाक के चिर-प्रतिद्वंदी होने की कुर्सी खिसका दी है और अब वहां यह टीम बैठ चुक है। हलक में जान ला देने वाले इस मैच में क्रिकेट के एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड बने,आंकड़ों में जानिए उनकी कहानी।
लिटन दास की विस्फोटक पारी
बांग्लादेश भले ही एशिया कप फाइनल का मुकाबला नहीं जीत पाया हो लेकिन तमिल इक़बाल और शाकिब अल हसन जैसे दिग्गज की अनुपस्थिति के बावजूद इस टीम ने जीतने के लिए जान लगा दी। एशिया कप में खराब फॉर्म से गुजर रहे लिटन दास ने ऐसी तूफानी पारी खेली कि भारतीय प्रशंसक के खेल के पहले घंटे में होश फाख्ता हो गए थे। उन्होंने अपने जीवन का पहला शतक जड़ा वो भी फाइनल में। यह किसी भी बांग्लादेशी बल्लेबाज का टीम इंडिया के खिलाफ सबसे बड़ा स्कोर है। उन्होंने 121 रनों की पारी खेली। इससे पहले मुशफिकुर रहीम ने चार साल पहले 117 रनों की पारी खेली थी। वहीं आलोक कपाली ने 10 साल पहले 115 रनों की पारी खेली थी।
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बांग्लादेश की ओपनिंग जोड़ी का कमाल
एशिया कप में ओपनिंग साझेदारी में कोई भी बड़ा स्कोर करने में नाकामयाब रही बांग्लादेशी टीम ने शानदार ओपनिंग साझेदारी की। अनिल कुंबले के सवाल पर बांग्लादेश के स्पिन बॉलिंग कोच सुनील जोशी (पूर्व भारतीय स्पिनर) ने बताया कि यह फैसला टीम मैनेजमेंट का था कि लिटन दास के साथ मेहंदी हसन को ओपनिंग के लिए भेजा जाए और यह प्लान हमारे लिए क्लिक कर गया। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए एक सरप्राइज प्लान था। बांग्लादेशी ओपनर ने पहले विकेट के लिए इस टूर्नामेंट की सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी की। बांग्लादेश का पहला विकेट 120 रनों पर गिरा
एशिया कप फाइनल के 5 शतकवीर
एशिया कप के इतिहास में फाइनल मुकाबले में सिर्फ पांच दिग्गज खिलाड़ियों ने शतक जड़ा है। साल 2000 में श्रीलंकाई बल्लेबाज मर्वन अट्टापट्टू ने पाकिस्तान के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी। 2008 में श्रीलंका के सनथ जयसूर्या ने भारत के खिलाफ कराची में 125 रनों की पारी खेली थी। पाकिस्तान के फवाद आलम ने मीरपुर में साल 2014 में 114* रनों की पारी खेली। मीरपुर में साल 2014 में श्रीलंका के लहिरु थिरामाने ने 101 रनों की पारी खेली और 2018 में लिटन दास ने भारत के खिलाफ 121 रनों की शानदार पारी खेल कर सबका दिल जीत लिया।
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चीते की फूर्ति वाले माही
एशिया कप के फाइनल में शानदार शतक लगाने वाले लिटन दास को स्टंप करते ही माही के नाम 800 विकेट झटकने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया। मार्क बाउचर (998 विकेट) और एडम गिलक्रिस्ट (905 विकेट) के बाद वो विश्व क्रिकेट में तीसरे सबसे अधिक खिलाड़ियों को आउट करने वाले विकेट कीपर बन गए हैं। माही ने ODI में 306 कैच और 113 खिलाड़ियों को स्टंप किया है जबकि टेस्ट में 256 खिलाड़ियों को कैच आउट और 113 खिलाड़ियों को स्टंप किया वहीं टी-20 में 54 खिलाड़ियों को कैच आउट और 33 खिलाड़ियों को स्टंप किया है।
बिना पचासा लगाए टीम को मिली जीत
टीम इंडिया की ओर से कोई भी खिलाड़ी मुकाबले में अर्धशतक लगाने में कामयाब नहीं हो पाया लेकिन टीम को एशिया कप के फाइनल में जीत मिली। 17 साल पहले ज़िम्बाब्वे और इंग्लैंड के बीच एक ऐसा ही मुकाबला हुआ था जिसमें इंग्लैंड के किसी खिलाड़ी ने पचासा नहीं जड़ा था लेकिन उन्हें जीत मिली थी। यह ODI इतिहास का बिना किसी खिलाड़ी के पचासा लगाए किसी भी टीम का अब तक का सबसे बड़ा चेज है। उस मैच में ज़िम्बाब्वे ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 261 रन बनाए थे और एंडी फ्लावर ने 142 (16 चौके और एक छक्के) रनों की नाबाद पारी खेली थी।
एक साल में तीन फाइनल हार गई बांग्लादेश
बांग्लादेश हाल के दिनों में शानदार टीम बनकर उभरी है। अपने शानदार और जानदार प्रदर्शन से इस टीम ने पिछले 9 साल में कई बड़े उलटफेर भी किए हैं लेकिन फाइनल में इनका प्रदर्शन खास नहीं रहा है। यह टीम पिछले 9 साल में सात बड़े फाइनल हार चुकी है। साल 2009 में श्रीलंका के खिलाफ ट्राई सीरीज, 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप, 2016 में भारत के खिलाफ एशिया कप, 2018 में श्रीलंका के खिलाफ ट्राई सीरीज, इसी साल निदहास ट्रॉफी और एशिया कप भी शामिल हैं।